लखनऊ, 19 दिसंबर 2024, गुरुवार। उत्तर प्रदेश में बंद पड़े और अवैध कब्जे वाले मंदिरों की खोज जारी है। यह अभियान संभल से शुरू हुआ और अब बरेली, अलीगढ़ और वाराणसी तक पहुंच गया है। हिंदू संगठन धार्मिक ग्रंथों में वर्णित और अवैध कब्जे वाले मंदिरों की तलाश कर रहे हैं।
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल के बाद, जिला प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। इसके बाद, एक-एक कर मंदिर और कुएं मिलने शुरू हुए। यहां पर कार्तिकेय महादेव मंदिर और अमृत कूप मिले हैं। हिंदू संगठनों का दावा है कि इस स्थान पर अभी भी 65 से अधिक मंदिर और 16 कुओं का मिलना बाकी है।
यूपी में छुपे हुए मंदिरों का खजाना: वाराणसी और अलीगढ़ में मिले प्राचीन मंदिर!
वाराणसी के मदनपुरा में एक 300 साल पुराना मंदिर मिलने का दावा किया गया है। यह मंदिर सिद्धेश्वर महादेव मंदिर है, जो कि गोल चबूतरे के पास मकान संख्या D-31 से सटा हुआ है। ‘ढूंढे काशी’ नामक एक संस्था ने इस मंदिर के बारे में जानकारी दी है। इस मंदिर के बारे में बताया गया है कि यह 1916 में करखी रियासत के रईस से ताज बाबा ने खरीदा था। तब से यह मंदिर इसी स्वरूप में है, लेकिन पूजा करने की कोई सामग्री और शिवलिंग नहीं था। वाराणसी प्रशासन ने मंदिर के दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए हैं।
अलीगढ़ में छुपा हुआ इतिहास: 50 साल पुराना मंदिर मिला, शिवलिंग और घंटा भी मौजूद!
इसके अलावा, अलीगढ़ के मुस्लिम इलाके सराय रहमान में 50 साल पुराना मंदिर मिलने का दावा किया गया है। यह मंदिर मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित है। मंदिर के अंदर देवी-देवताओं की मूर्तियां नहीं हैं, लेकिन मंदिर के ऊपर सिला पट्टीका और मंदिर के अंदर घंटा लगा हुआ है। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह मंदिर 50 साल पुराना है और यहां पर हिंदू परिवार रहते थे। जब हिंदू परिवार ने पलायन किया, तो उन्होंने मूर्तियां अपने साथ ले लीं। हाल में खुदाई के दौरान यहां मिट्टी के नीचे शिवलिंग दबा हुआ मिला। स्थानीय लोगों का दावा है कि मंदिर के साथ किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। यह मंदिर अलीगढ़ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसकी खोज से शहर के इतिहास के बारे में नए तथ्य सामने आ सकते हैं।
बरेली में 250 साल पुराने मंदिर से मुस्लिम परिवार का अवैध कब्जा हटाया गया!
बरेली के किला थाना क्षेत्र में बाकरगंज स्थित 250 साल प्राचीन गंगा महारानी का मंदिर है, जिस पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कब्जा करने का आरोप लगाया गया है। जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और हिंदू पक्ष ने अपने सभी दस्तावेज पेश किए, जबकि मंदिर परिसर में रह रहे वाहिद अली और उनके परिवार वाले कोई प्रमाण नहीं दिखा पाए। प्रशासन ने वाहिद अली और उनके परिवार को एक हफ्ते में मंदिर प्रांगण को खाली करने की निर्देश जारी किए हैं। यह मामला अलीगढ़ में हुए एक समान मामले की तरह है, जहां पर भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मंदिर पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया था।
उत्तर प्रदेश में बंद पड़े मंदिरों की खोज जारी: कानपुर में भी शुरू हुई मंदिरों की तलाश!
उत्तर प्रदेश में बंद पड़े मंदिरों की खोज जारी है। संभल, वाराणसी, अलीगढ़ और बरेली में कई मंदिरों को खोला जा चुका है। अब कानपुर में भी हिंदू संगठन उन मंदिरों की खोज में जुट गए हैं, जिन पर अवैध कब्जे का आरोप है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित धार्मिक स्थलों की खोज की जा रही है। प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है और जहां पर मंदिर मिल रहे हैं, वहां पर दस्तावेजों की जांच की जा रही है। साथ ही, एहतिहातन पुलिस बल की तैनाती भी की गई है। इस अभियान के तहत कई प्राचीन मंदिरों का पता लगाया गया है, जिनमें से कुछ पर अवैध कब्जा कर लिया गया था। हिंदू संगठनों का दावा है कि इन मंदिरों को खोलने से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को सम्मान मिलेगा।