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Thursday, December 19, 2024

भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम: 99.2% मोबाइल फोन अब देश में ही बनाए जा रहे हैं!

नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2024, गुरुवार। भारत में मोबाइल फोन का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि लगभग 99.2% मोबाइल फोन अब देश में ही बनाए जा रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान कर रही है।
भारत पहले मोबाइल आयात करने वाला देश था, लेकिन अब यह मोबाइल निर्यात करने वाला देश बन गया है। यह बदलाव देश की आर्थिक नीतियों और उद्योगों की बढ़ती क्षमताओं का परिणाम है। इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में अब तक करीब 25 लाख रोजगार (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) के अवसर उत्पन्न हुए हैं। यह एक महत्वपूर्ण योगदान है जो देश की आर्थिक वृद्धि में मदद कर रहा है।
मंत्री ने बताया कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में पिछले एक दशक में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. वित्त वर्ष 2014-15 में जहां यह उत्पादन ₹1,90,366 करोड़ था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर ₹9,52,000 करोड़ हो गया है. इस दौरान औसत वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 17% से अधिक रही है। इस प्रकार, भारत में मोबाइल फोन का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहा है। यह देश की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान कर रहा है।
जितिन प्रसाद ने कहा कि, भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों में ज्यादा पैसा लगना, काम पूरा होने में ज्यादा समय लगना, उत्पादन कम होना, नई तकनीक हासिल करने की चुनौती और गुणवत्ता व कीमत में दुनिया के स्तर पर खरा उतरने जैसी समस्याएं शामिल हैं। सरकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। सरकार के इन प्रयासों से भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र मजबूत होगा और देश को इस उद्योग में नई ऊंचाइयों पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
भारत सरकार ने हाल ही में ₹76,000 करोड़ के सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम को मंजूरी दी है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है। यह कदम भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को लागू किया है, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी हार्डवेयर के निर्माण को बढ़ावा देना है। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट्स और सेमीकंडक्टर के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए SPECS जैसी योजनाएं भी चल रही हैं।

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