लखनऊ, 16 दिसंबर 2024, सोमवार। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के समर्थन का ऐलान किया है, जिससे राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है। मायावती ने अपने इस ऐलान में अन्य दलों से भी ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के समर्थन का आग्रह किया है। उनके इस ऐलान के बाद सवाल उठने लगा है कि आखिर विपक्षी पार्टियां अब क्या करेंगी। इसके साथ ही, मायावती ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि इन दलों को भी ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के समर्थन के लिए आगे आना चाहिए। बसपा के लिए यह ऐलान बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल के वर्षों में पार्टी को लगातार चुनावी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
मायावती का बड़ा ऐलान: एक देश-एक चुनाव का समर्थन, कहा- इससे खर्च कम होगा और जनहित के कार्य ज्यादा नहीं रुकेंगे
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने एक देश-एक चुनाव का समर्थन किया है, जिससे खर्च कम होगा और जनहित के कार्य ज्यादा नहीं रुकेंगे। उन्होंने अन्य दलों से भी इसका समर्थन करने का आग्रह किया है। मायावती ने कहा है कि गरीबों और मजलूमों की पार्टी होने के नाते बसपा ‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर भाजपा सरकार द्वारा लाए जाने वाले संबंधित विधेयक का स्वागत करती है और इस मुद्दे पर सभी पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश और आम जनहित में कार्य करना बेहतर होगा।
मायावती का कांग्रेस-सपा पर हमला: आरक्षण पर बोलने का अधिकार नहीं, जब सत्ता में थे तो विरोध किया था
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर आरक्षण के मुद्दे पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि इन दलों को आरक्षण पर बोलने का अधिकार नहीं है, क्योंकि जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपी सरकार थी, तो उन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को प्रमोशन में आरक्षण देने वाले विधेयक का विरोध किया था। मायावती ने मांग की कि एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि इससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने संसद में इस मुद्दे पर हवा-हवाई बातें कही हैं, जिसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है।
मायावती का भाजपा पर हमला: आरक्षण विरोधी मानसिकता का आरोप, कहा- बसपा करेगी विरोध
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने हाल ही में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरक्षण विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा आरक्षण संबंधी मुद्दों को पारित कराने के लिए तैयार नहीं है, जिससे उनकी आरक्षण विरोधी मानसिकता का पता चलता है। मायावती ने यह भी कहा कि संसद में भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर गरमागरम चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि इस चर्चा का कोई फायदा तभी हो सकता है जब यह स्वीकार किया जाए कि क्या शासक वर्ग ने मानवतावादी और कल्याणकारी संविधान की मंशा के अनुसार देश के लोगों को रोजगार, न्याय, आत्मसम्मान और स्वाभिमान का जीवन दिया है या नहीं। उन्होंने यह भी दावा किया कि वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा लिए गए संकल्पों से देश की जनता को कोई विशेष लाभ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसी पार्टी या व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए संविधान में संशोधन करती है तो बसपा इसका कड़ा विरोध करेगी।