लखनऊ, 15 दिसंबर 2024, रविवार। हिंदू मंदिर के मिलते ही संभल में पूरा नजारा ही बदल गया है। यहां 400 साल पुराने शिव मंदिर के मिलते ही हिंदू भक्तों ने पूजा पाठ शुरू कर दी है। यह मंदिर मुस्लिम बहुल इलाके में प्रशासन की जांच के दौरान मिला है। यह बीते 46 सालों से बंद था, भक्तों ने गंगा जल से धोकर शुद्धिकरण करते हुए यहां विधिवत पूजा-पाठ शुरू कर दी है। भक्तों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है और मंदिर के बाहर तक लाइन लग गईं हैं। लोगों ने बताया कि मंदिर में बाकायदा भगवान हनुमान, शिवलिंग, नंदी और कार्तिकेय की मूर्तियां मिली हैं। इस मंदिर को 14 दिसंबर को डीएम-एसपी की मौजूदगी में खुलवाया गया था। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मंदिर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि क्या इतना प्राचीन मंदिर रातों-रात प्रशासन ने बना दिया? और क्या वहां बजरंगबली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात में ही आ गई? सीएम योगी ने ये भी कहा कि उन दरिंदों को अब तक सजा क्यों नहीं मिली, जिन्होंने 46 साल पहले संभल में नरसंहार किया था? उन्होंने सवाल उठाया कि इस नरसंहार के मुद्दे पर आखिर चर्चा क्यों नहीं होती है?
योगी आदित्यनाथ का तीखा हमला: अयोध्या का फैसला नहीं आता तो क्या राम मंदिर बन पाता?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक और भी महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अयोध्या का फैसला नहीं आता तो क्या राम मंदिर का निर्माण हो पाता? उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या में एयरपोर्ट बन पाता, वहां इतनी अच्छी कनेक्टिविटी हो सकती थी, यहां की गालियां फोरलेन की बन पाती और यहां का रेलवे डबल लाइन से जुड़ पाता? सीएम योगी ने यह भी कहा कि देश के संविधान का वास्तव में गला घोंटकर, संविधान में चोरी से सेकुलर शब्द डालने वाले लोग आज अपने घर में शोक मना रहे हैं। उन्हें परेशानी है कि काशी विश्वनाथ धाम का कायाकल्प कैसे हो गया और अयोध्या के विकास को लेकर उन्हें परेशानी है कि अयोध्या में राम मंदिर कैसे बन गया और अयोध्या इतनी दिव्य और भव्य कैसे हो गई।
सीएम योगी ने आगे कहा कि उन्हें परेशानी इस बात की है कि दशकों तक शासन किया लेकिन कुछ नहीं कर पाए। अपने निकम्मेपन पर हम लोगों को कोस रहे हैं। हम सबको इनकी इस मानसिकता को देखना होगा। ये कितना भी राग अलापें, कल संसद में चर्चा संविधान पर हो रही थी लेकिन मुद्दा संभल का उठ रहा था।