वाराणसी में ड्रग्स का बड़ा खुलासा: एक करोड़ से अधिक की ड्रग्स बरामद, बीएचयू के छात्रों को थी आपूर्ति
वाराणसी, 15 दिसंबर 2024, रविवार। वाराणसी में नारकोटिक्स की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई की है। लंका थाना क्षेत्र के सीर गोवर्धन में एक जनरल स्टोर पर छापा मारा गया, जहां से एक करोड़ से अधिक की ड्रग्स की इंजेक्शन और दवाइयां बरामद हुईं। मौके से दुकानदार रामबाबू सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में रामबाबू सिंह ने बताया कि बीएचयू के हॉस्टल और आसपास के इलाकों में किराए पर रहकर पढ़ने वाले अधिकतर छात्र उसके कस्टमर हैं। वह फोन पर ऑर्डर देते थे और उसका आदमी बाइक से ड्रग्स दिए हुए पते पर पहुंचा देता था। इसके बदले उसे मुंहमांगे दाम मिलते थे।
ड्रग्स की लत में फंसे छात्र: वाराणसी में एक बड़ा खतरा
यह एक बड़ा खुलासा है और इससे यह साफ होता है कि ड्रग्स का कारोबार कितना बड़ा और गहरा है, जो शहर की शिक्षा और युवाओं के भविष्य को प्रभावित कर रहा है। यह मामला और भी ज्यादा चिंताजनक है क्योंकि यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों को प्रभावित कर रहा है, जो देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में से एक है। बीएचयू के छात्रों के लिए ड्रग्स का कारोबार एक बड़ा खतरा है, क्योंकि यह उनके शिक्षा और करियर को प्रभावित कर सकता है। इस मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
वाराणसी में ड्रग्स का बड़ा नेटवर्क: छात्रों को ड्रग्स की लत में फंसाने वाले गिरफ्तार
यूपी नारकोटिक्स कमिश्नर दिनेश बौद्ध ने बताया कि उन्हें बीएचयू के हॉस्टल और आसपास के इलाकों में ड्रग्स सप्लाई की शिकायत मिली थी। इसके बाद उन्होंने गाजीपुर एसपी केके श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक टीम लगाई ताकि पता चले कि छात्रों को कौन ड्रग्स सप्लाई कर रहा है। कमिश्नर दिनेश बौद्ध ने बताया कि टीम ने जांच शुरू की और जल्द ही ड्रग्स सप्लायर की पहचान कर ली गई। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी की और ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद की।
वाराणसी में ड्रग्स का बड़ा नेटवर्क: बीएचयू के छात्र-छात्राओं को ड्रग्स की सप्लाई करने वाला दुकानदार गिरफ्तार
वाराणसी में नारकोटिक्स की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें बीएचयू के छात्रावासों में ड्रग्स की सप्लाई करने वाले एक दुकानदार को गिरफ्तार किया गया है। यह कहानी शुरू होती है जब नारकोटिक्स की टीम को बीएचयू के छात्रावासों में ड्रग्स की सप्लाई की शिकायत मिलती है। कमिश्नर दिनेश बौद्ध ने बताया कि नारकोटिक्स की टीम ने छात्रावासों में रहने वाले कुछ संदिग्धों पर नजर रखनी शुरू की। टीम ने एक लड़के को चार दिन अलग-अलग कमरों में जाते देखा, जिससे शक हुआ। जब उसे पकड़कर तलाशी ली गई, तो उसके पास से ड्रग्स बरामद हुई। लड़के ने पूछताछ में बताया कि दुकानदार उसे दवा देता है और वह बताए हुए पते पर पहुंचा देता है। नारकोटिक्स की टीम ने दुकानदार पर नजर रखनी शुरू की और आज रविवार को जब दुकान पर पहुंची, तो देखा ड्रग्स की सप्लाई हो रही थी।
टीम ने दुकानदार से पहले बिस्किट खरीदा और फिर उससे इंजेक्शन के बारे में पूछा। दुकानदार घबरा गया, भागने की कोशिश की लेकिन टीम ने पहले से घेरेबंदी कर रखी थी। दुकान के पिछले हिस्से में जब टीम पहुंची, तो भारी मात्रा में कार्टन में एक किलो ब्यूप्रेनारफीन, आधा किलो ट्रामाडोल, 0.067 ग्राम क्लोनाजेपाम के साथ भारी मात्रा में सीरिंज और एविल के इंजेक्शन मिले। इनकी कीमत करीब एक करोड़ से अधिक है। दुकानदार ने पूछताछ में बताया कि ड्रग्स की लत सिर्फ बीएचयू के छात्रों में नहीं बल्कि छात्राओं में भी है। उसकी कई कस्टमर लड़कियां भी हैं, जो हॉस्टल्स में ड्रग्स की डिलीवरी कराती थीं। यह एक बड़ा खुलासा है और इससे यह साफ होता है कि ड्रग्स का कारोबार कितना बड़ा और गहरा है।
पढ़ाई के नाम पर ड्रग्स का सहारा: वाराणसी में छात्रों की खतरनाक आदत
नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के अनुसार, वाराणसी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां लड़के और लड़कियां पढ़ाई के नाम पर ड्रग्स का सहारा ले रहे हैं। ये छात्र एकाग्र होकर पढ़ाई करने के लिए प्रतिबंधित ड्रग्स का उपयोग कर रहे हैं, जो दर्द निवारक और दिमाग को शांत करने में इस्तेमाल होते हैं। इन ड्रग्स के साथ, ये छात्र एविल का इंजेक्शन भी ले रहे हैं, जिससे उन्हें दोगुना आनंद मिलता है। लेकिन, यह आनंद केवल कुछ समय के लिए ही है, क्योंकि इन ड्रग्स के अधिक सेवन से लीवर के साथ ही दिमाग के भी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। यूपी नारकोटिक्स कमिश्नर दिनेश बौद्ध ने बताया कि यह एक बहुत बड़ा खतरा है, जो न केवल छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर रहा है, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा खतरा है। इसलिए, यह बहुत जरूरी है कि हम इस समस्या का समाधान निकालें और छात्रों को ड्रग्स के खतरों के बारे में जागरूक करें।