हिमाचल प्रदेश में मुर्गा विवाद: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दी सफाई
शिमला, 14 दिसंबर 2024, शनिवार। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कार्यक्रम में मुर्गा परोसने को लेकर सियासत गरमा गई है। भाजपा ने इसे मुद्दा बना दिया है और आरोप लगाया है कि परोसा गया मुर्गा जंगली था और इसका शिकार कानून प्रतिबंधित है। हालांकि, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह तेल युक्त व्यंजनों और नॉन वेज दोनों से ही स्वास्थ्य कारणों से परहेज करते हैं। उन्होंने कहा कि टिक्कर में जंगली नहीं, देसी मुर्गा परोसा था, जो इस क्षेत्र की आदिवासी संस्कृति का हिस्सा है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भाजपा के पास कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इस तरह के विचित्र मुद्दे उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह दुकान से खरीदा हुआ मुर्गा नहीं था, बल्कि उनके गांव का देसी मुर्गा था। वे वहां खाने नहीं गए थे, बल्कि लोगों की समस्याएं सुनने गए थे।
हिमाचल प्रदेश में जंगली मुर्गा विवाद: मुख्यमंत्री पर हमला, नेता प्रतिपक्ष ने मांगा इस्तीफा
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कार्यक्रम में जंगली मुर्गा परोसने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले में सीएम पर हमला बोला है। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जंगली मुर्गा खाने का मेन्यू पहले ही छपवा दिया था और फिर अपने मंत्रियों को चटखारे ले लेकर खिलाया था। उन्होंने कहा कि यह सरकारी संरक्षण में हुआ है और मुख्यमंत्री को इसके लिए जवाबदेह होना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जंगली मुर्गे की सभी प्रजातियां वाइल्ड लाइफ प्रोटक्शन एक्ट 1972 और वाइल्ड लाइफ प्रोटक्शन अमेंडमेंट एक्ट 2022 के तहत ‘शेड्यूल्ड वन’ में रखी गई हैं। उन्होंने कहा कि यह अपराधिक कृत्य है और इसके लिए सजा का प्रावधान है। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले में जवाबदेह होना चाहिए और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है, बल्कि यह पूरी सरकार की जिम्मेदारी है।