नई दिल्ली, 12 दिसंबर 2024, गुरुवार। बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड मामले के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य केस में पति को पत्नी को पांच करोड़ का गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया है। इस मामले में पति और पत्नी लगभग दो दशकों से अलग-अलग रह रहे हैं। दोनों शादी के बाद सिर्फ छह साल तक ही साथ रहे। पत्नी का आरोप है कि पति का व्यवहार उसकी तरफ अच्छा नहीं था, जबकि पति का दावा है कि पत्नी असंवेदनशील थी और परिवार के प्रति उदासीनता से पेश आती थी।
कोर्ट ने पाया कि चूंकि शादी पूरी तरह से टूट चूकी है इसलिए पत्नी को स्थायी गुजारा भत्ता देने की जरूरत है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि स्थायी गुजारा भत्ता की राशि इस तरह से तय की जानी चाहिए कि पति को दंडित न किया जाए, बल्कि पत्नी के लिए एक सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित किया जाए। पत्नी को पांच करोड़ का स्थायी गुजारा भत्ता देने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने साल 2021 के रजनीश वर्सेज नेहा और 2024 के अनीश प्रमोद पटेल और ज्योत मैनी के मामले का भी जिक्र किया।
कोर्ट ने राशि तय करने के लिए कुछ वजहों को भी बताया। जैसे कि पक्षकारों की सामाजिक और वित्तीय स्थिति जानना। पत्नी और बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखना। पति की रोजगार की स्थिति देखकर। उसकी स्वतंत्र आय या फिर संपत्ति। इसके अलावा, वैवाहिक घर में पत्नी के भोगे जाने वाले जीवन स्तर को देखकर स्थायी गुजारा भत्ता देने का फैसला करना।