नई दिल्ली, 11 दिसंबर 2024, बुधवार। सियाराम बाबा ने 11 दिसंबर बुधवार को इस नश्वर शरीर को छोड़कर परमात्मा में विलीन होकर अपनी यात्रा को पूर्णता प्रदान की। यह खबर उनके अनुयायियों और श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा आघात है, लेकिन उनकी आत्मा को शांति मिले और उनकी शिक्षाएं हमेशा हमारे साथ रहें।
सियाराम बाबा एक महान आध्यात्मिक गुरु और संत थे, जिन्होंने अपने जीवन को तप, सेवा और आध्यात्मिकता का प्रतीक बनाया था। उनकी आध्यात्मिक यात्रा ने उन्हें एक महान आत्मा बनाया, जो अपने जीवनकाल में लाखों लोगों को प्रेरित और मार्गदर्शन प्रदान किया।
उनकी मृत्यु के बाद, उनके अनुयायियों और श्रद्धालुओं ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए। उनकी मृत्यु की खबर सुनकर, लोगों ने उन्हें याद किया और उनकी शिक्षाओं को याद किया। सियाराम बाबा की शिक्षाएं हमेशा हमारे साथ रहेंगी और उनकी आध्यात्मिक विरासत हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनकी याद हमेशा हमारे दिलों में रहे।
देश के ख्याति प्राप्त संत श्री सियाराम बाबा का देवलोक गमन
नर्मदा तट पर स्थित भट्यान आश्रम में सुबह करीब साढे छ बजे सियाराम बाबा ने अपना शरीर त्याग दिया। पिछले कुछ दिनों से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद, 24 घंटे डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग की टीम आश्रम में तैनात थी। स्वास्थ्य खराब होने के बाद, बाबा के दर्शन के लिए आश्रम में भीड़ उमड़ रही थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी संत श्री सियाराम बाबा के दर्शन करने पहुंचने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही बाबा ने अपना शरीर त्याग दिया।