नई दिल्ली, 11 दिसंबर 2024, बुधवार। अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि वह श्रीलंका में कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी फंडिंग पर नहीं निर्भर रहेगी और खुद के बलबूते इस प्रोजेक्ट को फंड करेगी। यह निर्णय अमेरिकी अभियोजकों द्वारा कथित रिश्वत मामले में अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी पर आरोप लगाए जाने की पृष्ठभूमि में आया है।
कंपनी ने कहा कि कोलंबो प्रोजेक्ट अगले साल की शुरुआत में पूरा होने के लिए ट्रैक पर है और कंपनी अपनी कैपिटल मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी के अनुरूप खुद के संसाधनों से इस प्रोजेक्ट की फंडिंग करेगी। अडानी पोर्ट्स ने यह भी कहा कि उसने यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) से फंडिंग के लिए अपना 2023 का अनुरोध वापस ले लिया है।
अडानी पोर्ट्स ने श्रीलंका प्रोजेक्ट के लिए स्व-वित्तपोषण का रास्ता चुना
बता दें, अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड ने श्रीलंका में कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी फंडिंग पर निर्भर नहीं रहने का फैसला किया है। यह परियोजना श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर विकसित की जा रही है और इसके लिए 553 मिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन देने के लिए यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएफसी) ने पिछले साल नवंबर में सहमति व्यक्त की थी। हालांकि, लोन प्रोसेस तब रुक गया जब डीएफसी ने कहा कि अडानी और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (एसएलपीए) के बीच समझौते को उनकी शर्तों के अनुरूप संशोधित किया जाए। इसके बाद, श्रीलंका के अटॉर्नी जनरल ने दोनों कंपनियों के बीच इस कॉन्ट्रैक्ट का रिव्यू भी किया था। अब, अडानी पोर्ट्स ने कहा है कि वह इस परियोजना के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करके फंडिंग करेगी।
अडानी पोर्ट्स का श्रीलंका प्रोजेक्ट डीएफसी की फंडिंग के बिना पूरा होगा
अडानी पोर्ट्स का श्रीलंका में कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्रोजेक्ट लगभग पूरा होने के करीब है। इस प्रोजेक्ट में अडानी पोर्ट्स की 51 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी ने अमेरिकी फंडिंग एजेंसी डीएफसी की फंडिंग के बिना इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्रोजेक्ट की शुरुआत सितंबर 2021 में हुई थी। इस प्रोजेक्ट के लिए अडानी पोर्ट्स ने श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी और जॉन कील्स होल्डिंग्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश से कोलंबो पोर्ट की क्षमताओं का विस्तार किया जाना तय हुआ था।
कोलंबो पोर्ट पर बन रहा नया टर्मिनल: श्रीलंका का सबसे बड़ा और गहरा कंटेनर टर्मिनल
श्रीलंका का कोलंबो पोर्ट भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण शिपिंग रूट्स पर स्थित है और कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बाजारों के निकट है। इस पोर्ट पर बन रहे नए टर्मिनल से बंगाल की खाड़ी के शिपिंग रूट पर स्थित उभरती अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा। इस प्रोजेक्ट का पहला चरण 2025 की पहली तिमाही तक व्यावसायिक गतिविधियों के लिए चालू होने वाला है। यह टर्मिनल श्रीलंका का सबसे बड़ा और सबसे गहरा कंटेनर टर्मिनल होगा, जिसकी लंबाई 1,400 मीटर और गहराई 20 मीटर होगी। प्रोजेक्ट पूरा होने पर, टर्मिनल 24,000 टीईयू की क्षमता वाले अल्ट्रा लार्ज कंटेनर वेसल्स (ULCVs) को संभालने में सक्षम होगा और इसकी वार्षिक हैंडलिंग क्षमता 32 लाख टीईयू से अधिक होने की उम्मीद है। कोलंबो बंदरगाह हिंद महासागर में सबसे बड़ा और व्यस्ततम ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है।
अडानी ग्रुप पर रिश्वतखोरी के आरोप: डीएफसी ने कोलंबो प्रोजेक्ट की फंडिंग रोकी
अमेरिकी न्याय विभाग ने पिछले महीने गौतम अडानी और उनके भतीजे समेत छह अन्य लोगों पर सोल एनर्जी सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। अमेरिका के आरोपों के मुताबिक, इन कॉन्ट्रैक्ट के जरिए अडानी ग्रीन एनर्जी को 20 वर्षों में 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का मुनाफा होने की उम्मीद थी। हालांकि, अदानी ग्रुप ने सभी आरोपों को निराधार बताया था और हर संभव कानूनी रास्ता अपनाने की बात कही थी।
डीएफसी ने कहा था कि वह अडानी और उनके ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों की निगरानी कर रहा है। डीएफसी ने अब तक कोलंबो प्रोजेक्ट के लिए अडानी पोर्ट्स को कोई फंडिंग नहीं दी है। अडानी पोर्ट्स के पास 30 सितंबर तक, लगभग 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कैश रिजर्व था और कंपनी ने पिछले 12 महीनों में 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऑपरेटिंग प्रॉफिट अर्जित किया है।