जोधपुर, 8 दिसंबर 2024, रविवार। बीएसएफ के 60वें स्थापना दिवस पर जोधपुर पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही एक व्यापक ड्रोन रोधी इकाई बनाएगा, जो देश की सीमाओं को सुरक्षित करने में मदद करेगी। शाह ने बताया कि ड्रोन का खतरा आने वाले दिनों में और अधिक गंभीर होने वाला है, इसलिए हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि हम रक्षा और अनुसंधान संगठनों और डीआरडीओ के साथ मिलकर ‘संपूर्ण सरकारी’ दृष्टिकोण के साथ इस मुद्दे से निपट रहे हैं। गृहमंत्री ने यह भी बताया कि लेजर युक्त ड्रोन रोधी गन-माउंटेड’ तंत्र के शुरुआती परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। इससे पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन को निष्क्रिय करने और उसका पता लगाने के मामलों में 3 प्रतिशत से 55 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
पाकिस्तान से लगती सीमा पर ड्रोन का खतरा: गृहमंत्री अमित शाह ने की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की घोषणा!
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि पाकिस्तान से लगती भारत की सीमा पर इस साल 260 से अधिक ड्रोन गिराए गए या बरामद किए गए। उन्होंने यह भी बताया कि इन ड्रोनों में से अधिकांश पंजाब में पकड़े गए, जबकि राजस्थान और जम्मू में बहुत कम ड्रोन बरामद किए गए। शाह ने कहा कि भारत सरकार ने सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) बनाई है। यह प्रणाली पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा पर लागू की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि असम की धुबरी में नदी सीमा पर तैनात सीआईबीएमएस से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है, लेकिन कुछ सुधार की आवश्यकता है।
मोदी सरकार की बड़ी पहल: वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम!
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार उत्तरी सीमावर्ती गांवों में विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को लागू कर रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से गांवों में कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाया जा रहा है, जिससे पलायन रुक रहा है। शाह ने बताया कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम देश के सभी सीमांत गांवों के लिए लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बढ़ाने और 48,000 करोड़ रुपये के फंड आवंटन के साथ इन दूरदराज के इलाकों में रहने वाली आबादी के लिए काम करने की दृष्टि से यह मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को लगभग 3,000 गांवों में प्रयोगात्मक आधार पर चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भारत की सीमाओं पर बाड़ लगाने, सड़कों और अन्य रसद को मजबूत करने के लिए एक बड़ा बजट मंजूर किया है।