नई दिल्ली, 2 दिसंबर 2024, सोमवार। जम्मू-कश्मीर के प्रमुख क्षेत्रीय दल और सत्ताधारी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के मुखिया डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने मुस्लिमों से जुड़े धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षणों को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुसलमान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और उन्होंने भारत सरकार से ऐसी मांगों पर रोक लगाने के लिए कहा है।
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि 24 करोड़ मुसलमानों को समुद्र में नहीं फेंका जा सकता और केंद्र की मोदी सरकार को मुसलमानों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे संविधान में धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है और अगर सरकार संविधान को नष्ट कर देगी, तो भारत कहां रहेगा?
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के चीफ डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश में मजहबों के बीच नफरत पैदा की जा रही है और मुसलमान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार से धार्मिक स्थलों के सर्वे की मांगों और अन्य चीजों को रोकने के लिए कहा है।
डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि मुसलमानों को समुद्र में नहीं फेंका जा सकता है और ऐसी चीजें बंद की जानी चाहिए ताकि देश में अमन चैन का माहौल बरकरार रखा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अल्लाह से मुसीबतों से छुटकारा पाने और भाईचारा बनाए रखने की दुआ की है।