नई दिल्ली, 29 नवंबर 2024, शुक्रवार। देश की सबसे बड़ी अदालत में एक अनोखी घटना घटी। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस और डीजीपी को सीधे तौर पर फटकार लगाई। यह घटना फर्रुखाबाद के गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान हुई। अदालत ने पुलिस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रही है और उसे संवेदनशील होने की जरूरत है।
इस मामले में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जवल भुयान की पीठ ने सुनवाई की। अदालत ने कड़े शब्दों में कहा कि वह ऐसा आदेश दे सकती है जो पुलिस के लिए एक सबक बन जाएगा। अब यह सवाल उठता है कि अनुराग दुबे उर्फ डब्बन की कहानी क्या है और उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पुलिस को फटकार लगाई।
गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन की दास्तान: हत्या, धोखाधड़ी और दादागिरी का पर्याय!
गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन के खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें हत्या, धोखाधड़ी, जमीन हड़पने, जबरन वसूली, मारपीट और जालसाजी शामिल हैं। इसके अलावा, डब्बन के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और गुंडा एक्ट के तहत भी मामले दर्ज हैं। डब्बन के भाई अनुपम दुबे के खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या का मामला भी शामिल है। अनुपम दुबे बसपा नेता हैं और फिलहाल मथुरा जेल में बंद हैं। आरोप है कि अनुराग दुबे और अनुपम दुबे मिलकर अपना गैंग चलाते हैं और इलाके में उनकी दादागिरी चलती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों भाइयों के पास बेहिसाब दौलत है। अनुराग दुबे उर्फ डब्बन कई महीनों से फरार चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की पुलिस को फटकार: अनुराग दुबे उर्फ डब्बन को अग्रिम जमानत, क्या है पूरा मामला?
गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन और उनके भाई अनुपम दुबे पुलिस की रडार पर हैं। पुलिस ने दोनों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं और उनकी संपत्तियों की कुर्की भी की है। एक जानलेवा हमले के मुकदमे में कोर्ट ने अनुराग दुबे को 2 दिसंबर तक पेश होने का समय दिया है। पुलिस अनुराग दुबे से संपर्क करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन जब उनसे संपर्क नहीं हो पाया, तो पुलिस ने उनके घर कुर्की नोटिस चस्पा किया। इसके बाद अनुराग दुबे सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि अनुराग दुबे के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हैं और उन्हें डर है कि अगर वे जांच के लिए कोर्ट में पेश हुए, तो उनके खिलाफ नया मामला दर्ज किया जाएगा। कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए यह भी साफ कर दिया कि अदालत की पूर्व अनुमति के बिना उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाएगा। कोर्ट ने यूपी डीजीपी का नाम लेते हुए कहा कि अगर अनुराग दुबे को अदालत के सामने छुआ गया, तो ऐसा आदेश पारित किया जाएगा कि पूरी जिंदगी याद रहेगा। कोर्ट ने अनुराग दुबे को अग्रिम जमानत देते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सख्त टिप्पणी की है।