मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने बांग्लादेश की स्थिति को लेकर चिंता जताई। उन्होंने बांग्लादेश में साधुओं और संतों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। यह चिंता की बात है कि इन अत्याचारों के खिलाफ भारत में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हो रहा है। सोशल मीडिया पर भी कोई अभियान नहीं चल रहा है। जब से मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश में सत्ता में आए हैं। तब से देश में पूरी तरह से अशांति है। हम बांग्लादेश में हिंदुओं के समर्थन में खड़े हैं। भगवान उनकी रक्षा करें।
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में कहा था कि बांग्लादेश में हाल ही में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान मंदिरों और पूजा मंडपों पर हमलों की खबरें भी सामने आईं। हमलों के बाद बांग्लादेश सरकार ने दुर्गा पूजा के शांतिपूर्ण उत्सव को सुनिश्चित करने के लिए सेना और बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश की तैनाती समेत विशेष सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश जारी किए थे। ढाका में भारत का उच्चायोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों से संबंधित स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। अल्पसंख्यकों समेत बांग्लादेश के सभी नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी बांग्लादेश सरकार की है।
इस सप्ताह हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय दास को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद हालात और भी बदतर हो गए। इसके बाद राजधानी ढाका और बंदरगाह शहर चटगाँव सहित विभिन्न स्थानों पर समुदाय के सदस्यों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। दास इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के सदस्य थे और हाल ही में उन्हें निष्कासित कर दिया गया है। मगर शुक्रवार को इस्कॉन ने कहा कि वह चिन्मय कृष्ण दास के समर्थन में है।