“मनोरंजन में अश्लीलता को मात देने के लिए प्रसार भारती का ओटीटी वेव: साफ़ सुथरे मनोरंजन का नया दौर”
✍️ अनिता चौधरी
IFFI के 55 वें संस्करण का समापन गुरुवार 28 नवंबर को गोवा में हो चुका है। इस बार का कई मायनों में बहुत ही खास रहा। जहां एक तरफ विश्व भर की बेहतरीन फिल्में गोवा में दर्शकों के दिल पर समंदर की लहरों की तरह हिलोरें मार रही थीं, वहीं फिल्म बाजार में फिल्म निर्माण से जुड़े कई स्टार्ट अप्स और नए आयाम फिल्म निर्माण के हाई टेक विस्तार को समझा रहे थे। मास्टर क्लासेस के माध्यम से जहां न्यू फिल्म मेकर नए-नए गुर सीख रहे थे, वहीं क्रिएटिव माइंड के जरिए यंग टैलेंट बता रहे थे कि अगर आपका दिल क्रिएटिव है और दिमाग में कहानियों को बुनने की कला है, तो फिल्म बनाना तो मिनटों का काम है।
इस बार का IFFI इसलिए भी खास था क्योंकि इस बार फिल्म में क्रिएटिविटी के साथ-साथ भारतीयता और राष्ट्रीयता को भी खूब प्राथमिकता दी गई थी। IFFI का प्रीमियर जहां ऑस्ट्रेलिया की फिल्म “बेटर मैन” से हुई वहीं वीर सावरकर IFFI की ओपनिंग फिल्म रही। यही नहीं, साबरमती और माँ काली जैसी फिल्मों ने भी गोवा IFFI में खूब धूम मचाई। इस बार फिलिप प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्देशक फिलिप नोयस को गोवा में 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के भव्य समापन समारोह में सिनेमा में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर नोयस ने भारतीय सिनेमा के वैश्विक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, “भारतीय दर्शकों जैसा कुछ नहीं है”। उन्होंने कहा कि सिनेमा का भविष्य सत्यजीत रे के दर्शन में निहित है और कम ही अधिक है में विश्वास रखते हुए फिल्मों को छोटा रखें और फिल्मों के माध्यम से समाज को देने वाले विचारों को बड़ा होने दें। गोवा में मराठी वेब सीरीज ‘लैम्पन’ ने 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अपनी उल्लेखनीय कहानी, उच्च उत्पादन मूल्यों और असाधारण प्रदर्शनों के लिए सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) का पुरस्कार जीता। प्रकाश नारायण संत द्वारा लिखी गई कहानियों पर आधारित निपुण अविनाश धर्माधिकारी द्वारा निर्देशित, ‘लैम्पन’ एक सपने देखने वाले बच्चे की कहानी है, जिसमें असीम जिज्ञासा है। डिजिटल कंटेंट में रचनात्मकता की वृद्धि को मान्यता देते हुए, 54वें संस्करण में शुरू किया गया सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) पुरस्कार, ओटीटी प्लेटफार्मों पर उत्कृष्ट कहानी कहने के सम्मान में एक परिवर्तनकारी मील के पत्थर के रूप में देखा जाता है।
जब बात OTT की हो रही है, तो बता दें कि IFFI के 55 वें संस्करण में भारत सरकार के सहयोग से प्रसार भारती ने भी अपना पहला OTT प्लेटफॉर्म लॉन्च कर दिया है, जो करीब 13 भाषाओं में देश-विदेश की 15000 से अधिक कंटेंट के साथ दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार है। भारत निर्मित पहली OTT प्लेटफॉर्म आने वाले एक साल के लिए दर्शकों के लिए फ्री है, और किसी भी कंटेंट को इस प्लेटफॉर्म पर डालने की पहली शर्त है कि चाहे वह फिल्म हो या सीरीज, गेम हो या अन्य कोई स्टोरी, उसका साफ-सुथरा और समाज और देश हित में होना जरूरी है, जिसे आराम से परिवार के साथ बैठकर देखा जा सके। मतलब OTT के अन्य सभी प्लेटफॉर्म के आपत्तिजनक कंटेंट को मात देने के लिए साफ-सुथरे मनोरंजन के साथ प्रसार भारती का “WAVE OTT” भी एंटरटेनमेंट के मैदान में पूरी तरह से तैयार है।
प्रसार भारती के अध्यक्ष नवनीत कुमार सहगल ने न्यूज अड्डा इंडिया के साथ बातचीत में कहा कि “एक राष्ट्रीय प्रसारक के रूप में, यह हमारा कर्तव्य है कि हम स्वच्छ पारिवारिक मनोरंजन को समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाएं।” उन्होंने आगे कहा कि दर्शकों की तरफ से सोशल मीडिया और OTT के कंटेन्ट को लेकर काफी शिकायतें आ रहीं थी कि कंटेन्ट इतना हिंसक और अश्लील होता है कि परिवार के साथ बैठ कर नहीं देख सकते हैं। इस तरह की कंटेन्ट से बच्चों पर भी बुरा असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर थे। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की तरफ से अप्रैल से ही लगातार बात-चीत चल रही थी जिसमें सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद इस प्लेटफॉर्म के प्रसारण की बारीकियों पर नजर बनाए हुए थे। यही नहीं, पीएम मोदी की हमेशा से कोशिश रही है कि भारत हर क्षेत्र में हाई टेक और मॉडर्न के साथ-साथ नैशनल वैल्यू के साथ दुनिया से कदम-से-कदम मिला कर चले चाहे वो मनोरंजन की दुनिया ही क्यों ना हो।
न्यूज अड्डा इंडिया के साथ अपनी बात-चीत को आगे बढ़ाते हुए नवनीत सहगल ने कहा कि वेव्स की एक प्रमुख विशेषता है रामायण, महाभारत और शक्तिमान जैसे क्लासिक दूरदर्शन कार्यक्रमों का विशाल संग्रह। इसमें काकभुशुंडि, रामायण जैसे मूल निर्माण भी शामिल हैं, जो रामायण के 350 से अधिक वैश्विक संस्करणों से लिए गए हैं। इस प्लेटफॉर्म पर हम, रामायण जैसे पुराने सभी सीरियल दर्शक हमेशा बिना किसी भुगतान के देख सकते हैं। इस प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य पुरानी यादों को ताज़ा करना है और साथ ही फौजी 2.0 जैसे आधुनिक रूपांतरणों को भी वेव्स दर्शकों के लिए लेकर आएगा, जो शाहरुख खान के करियर की शुरुआत करने वाले 1980 के दशक के प्रतिष्ठित शो का नया रूप है।
उन्होंने कहा, वेव्स OTT प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध विशेष सामग्री में ऑस्कर विजेता गुनीत मोंगा कपूर द्वारा निर्मित ‘किकिंग बॉल्स’, थोड़े दूर थोड़े पास जैसे पारिवारिक नाटक और भेड़ भरम जैसे थ्रिलर शामिल हैं। इसके अलावा, इस प्लेटफॉर्म पर छोटा भीम और तेनाली राम जैसी लोकप्रिय एनिमेशन सीरीज़, अयोध्या से प्रभु श्रीराम लला आरती जैसे लाइव-स्ट्रीम कार्यक्रम, न्यूज और स्पोर्ट्स चैनल, ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा, बच्चों के लिए क्रेयतिव गेम और समय-समय पर क्रिकेट और अन्य स्पोर्ट्स टूर्नामेंट का सीधा प्रसारण भी उपलब्ध होगा।
उन्होंने कहा कि “WAVE OTT के माध्यम से भारतीयों को संस्कृति में वापस डूबने का बेहतरीन मौका है, खासकर उन लोगों को जो अपनी जड़ों से दूर चले गए हैं, लेकिन जुड़े रहना चाहते हैं। इस ऐप को दर्शक ऐप्पल ऐप स्टोर और एंड्रॉइड के गूगल प्ले स्टोर से मुफ़्त डाउनलोड कर सकते हैं और ज़्यादातर मनोरंजन के कंटेन्ट मुफ़्त उपलब्ध हैं। सिर्फ़ चुनिंदा प्रीमियम सुविधाओं के लिए भुगतान की ज़रूरत हो सकती है। प्रसार भारती ने इसके लिए कुछ प्लान शामिल किए हैं: प्लैटिनम प्लान (999 रुपये प्रति वर्ष) डायमंड प्लान (350 रुपये प्रति वर्ष, 3 महीने के लिए 85 रुपये, या 30 रुपये प्रति माह) गोल्ड प्लान (350 रुपये प्रति वर्ष, 3 महीने के लिए 85 रुपये, या 30 रुपये प्रति माह) किसी को भी सदस्यता को आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ही खरीदना होगा।
उल्लेखनीय है कि प्रसार भारती का यह ओटीटी पहले दिन से हिट है और इस पर पहले ही दिन जैकी चैन की फिल्म ‘मंकी किंग द हीरो इज बैक’ की चर्चा गोवा में खूब रही। नवनीत सहगल ने अपनी बातचीत में बताया कि देश का यह ओटीटी WAVE अभी डेवलपमेंट स्टेज में है और आने वाले दिनों में इस पर बालभारती से लेकर स्टूडेंट ट्यूटोरियल तक को लाने की योजना है। इस ओटीटी को अंग्रेजी और हिंदी के अलावा असमिया, पंजाबी, बांग्ला, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में संचालित किया जा सकता है। इस पर जो सबसे आकर्षक गैलरी है, वो है डीडी नॉस्टेल्जिया की। इस गैलरी में दूरदर्शन के चंद सबसे मशहूर धारावाहिक अपलोडेड हैं। धारावाहिक ‘भारत एक खोज’, हमलोग से लेकर और अनुपम खेर की मशहूर फिल्म ‘डैडी’ सब इस पर फ्री में देख सकते हैं। 10 से अधिक श्रेणियों में इस एप पर मनोरंजन और ज्ञानवर्धक जानकारी उपलब्ध है। यही नहीं, इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जॉन विक की मशहूर सीरीज भी मुफ्त में देखी जा सकती है।
संसद के शीतकालीन सत्र 2024 के दूसरे दिन, लोकसभा में ओटीटी पर परोसे जा रहे कंटेंट पर सूचना-प्रसारण और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने स्वीकार किया कि सोशल मीडिया और ओटीटी के युग में प्रेस की स्वतंत्रता ने नाम पर ओटीटी प्लेटफॉर्म अनियंत्रित अभिव्यक्ति के स्थान भी बन गए हैं, जिसमें कई ऐसी सामग्री है जो भारत की सांस्कृतिक संवेदनशीलता के लिहाज से अशोभनीय होती है। इस पर और सख्त कानून बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसदीय स्थायी समिति से इस अति महत्वपूर्ण मुद्दे को प्राथमिकता के तौर पर लेने का आग्रह किया।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद अरुण गोविल ने सदन में सवाल उठाया कि वर्तमान में ओटीटी के कंटेंट परिवार के साथ बैठ कर देखने लायक नहीं है। भाजपा सांसद अरुण गोविल ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव से पूछा कि उनका मंत्रालय के पास सोशल मीडिया के माध्यम से अश्लील और सेक्स से संबंधित कंटेंट को रोकने के लिए क्या तंत्र है? उन्होंने इसके लिए सख्त नियम की भी मांग की। लेकिन इंटरनेट के जरिए ओवर-द-टॉप मिलने वाली इस मीडिया सेवा पर प्रसार भारती के ओटीटी वेव को मनोरंजन की दुनिया में मील के पत्थर के रूप में देखा जा सकता है।