✍️ विकास यादव
नई दिल्ली, 28 नवंबर 2024, गुरुवार। प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली है, जो उनकी एक्टिव पॉलिटिक्स की शुरुआत का प्रतीक है। यह उनके राजनीतिक करियर की नई शुरुआत है, जिसमें उन्हें केरल के वायनाड से लोकसभा का उपचुनाव जीतकर संसद पहुंचने का मौका मिला है। प्रियंका गांधी की इस नई एंट्री के साथ ही राहुल गांधी को सियासत में दूर तक ले जाने की जिम्मेदारी भी उन पर मानी जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी को सियासत में कैसे आगे बढ़ाती हैं और क्या वे कांग्रेस पार्टी को फिर से मजबूती प्रदान कर पाएंगी।
इंदिरा का चेहरा, राजनीति की नई धारा!
प्रियंका गांधी वाड्रा की राजनीतिक यात्रा उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की विरासत को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका चेहरा, बालों का स्टाइल और राजनीतिक सूझबूझ सभी इंदिरा गांधी की याद दिलाते हैं। प्रियंका गांधी को कांग्रेस पार्टी की क्राइसिस मैनेजर माना जाता है, जो पार्टी को संकट की स्थिति से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने राजस्थान में सचिन पायलट को मनाने और हिमाचल में विक्रमादित्य सिंह को मैनेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रियंका गांधी की राजनीतिक यात्रा में उनकी माँ सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने अपनी माँ के चुनाव अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अपने भाई के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने में काम किया है।
प्रियंका गांधी: इंदिरा का अंदाज, सोनिया की कोमलता!
इंदिरा गांधी को आयरन लेडी कहा जाता था, जो उनके कठोर निर्णयों और दृढ़ मिजाज के कारण था। वह एक ऐसी नेता थीं जो अपने फैसलों पर अडिग रहती थीं और अपने विरोधियों के सामने कभी नहीं झुकती थीं। दूसरी ओर, सोनिया गांधी एक सौम्य और शांत नेता हैं, जिन्हें उनकी कोमलता और सहानुभूति के लिए जाना जाता है। वह एक ऐसी नेता हैं जो अपने समर्थकों के साथ सहानुभूति रखती हैं और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करती हैं। प्रियंका गांधी में दादी इंदिरा गांधी का अंदाज है, लेकिन व्यवहार में मां सोनिया गांधी से सीखी हुई कोमलता भी है। वह एक ऐसी नेता हैं जो अपने समर्थकों के साथ सहानुभूति रखती हैं और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करती हैं।
प्रियंका गांधी: राहुल की राजनीति की नई धारा, कांग्रेस की उम्मीद!
कांग्रेस पार्टी के लिए प्रियंका गांधी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद, राहुल गांधी संसद में अकेले पड़ गए थे। लेकिन अब प्रियंका गांधी के साथ मिलने से उन्हें एक मजबूत समर्थन मिलेगा। मां सोनिया गांधी के रिटायरमेंट की ओर बढ़ने से राहुल गांधी को सियासत में आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के कंधों पर आ गई है। कांग्रेस पार्टी अपने मुश्किल दौर से गुजर रही है, इसलिए राहुल गांधी को फिलहाल विश्वासपात्रों की जरूरत है। प्रियंका गांधी की भूमिका इस संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है।