नई दिल्ली, 27 नवंबर 2024, बुधवार। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर संभल जैसी घटनाओं को रोकने की मांग की है। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि संभल में पुलिस फायरिंग और बर्बरता का शिकार हुए लोगों के साथ जमीयत उलमा-ए-हिंद खड़ी है।
मौलाना मदनी ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के बावजूद निचली अदालतें मुस्लिम पूजा स्थलों का सर्वेक्षण करने के आदेश जारी कर रही हैं, जो इस कानून का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद ने पूजा स्थलों की सुरक्षा के कानून की सुरक्षा और उसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर पिछले एक साल से कोई सुनवाई नहीं हुई है।
मौलाना मदनी ने कहा कि संभल में अराजकता, अन्याय और क्रूरता और क्रूरता की एक जीवंत तस्वीर है जिसे न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया के लोग अपनी आँखों से देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह याद रखना चाहिए कि न्याय का दोहरा मापदंड अशांति और विनाश का रास्ता खोलता है। इसलिए, कानून का मानक सभी के लिए समान होना चाहिए या किसी भी नागरिक के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।