जयदीप अहलावत: रोहतक का छोरा जो इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) के अवार्ड संग अपने गांव पहुंचेंगे। वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी ने मशहूर एक्टर जयदीप अहलावत से खास बातचीत की। जयदीप ने अपनी कामयाबी की कहानी और आईएफएफआई अवार्ड के बारे में बात की।
अनिता चौधरी ने जयदीप से पूछा, “आपकी मुस्कुराहट अच्छी है, लेकिन फिल्मों में आप खूंखार क्यों नजर आते हैं?” जयदीप ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “आजकल अच्छा नजर आ रहा हूँ।”
जयदीप ने आईएफएफआई अवार्ड के बारे में बात करते हुए कहा, “सबसे पहले इतने बड़े फेस्टिवल में आकर अपने आप को गर्वान्वित महसूस कर रहा हूँ। बड़े बड़े फिल्मी सितारें एक साथ मिलना संभव नहीं है, लेकिन इस समारोह में सबका एक साथ मिलना बहुत शानदार है।”
अनिता चौधरी ने जयदीप से पूछा, “आप आईएफएफआई को किस तरह के नजरिये से देखते हैं?” जयदीप ने जवाब दिया, “मैंने बहुत सारे फ़िल्म फेस्टिवल देखे है, लेकिन आईएफएफआई वर्ल्ड क्लास स्टेंडर्ड के साथ खड़ा होता है।”
जयदीप ने आगे कहा, “भारतीय फिल्मों की सबसे बड़ी खास बात यह है कि जितनी फिल्में यहां बनाई जाती हैं, वे कई भाषा, अलग-अलग संस्कृति के आधार पर फिल्माया जाता है। भारतीय फिल्मों में जितनी वैराइटी मिलेगी उतनी किसी दुनिया की फ़िल्म में नहीं मिलेगी।”
वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी ने जयदीप अहलावत से पूछा कि हमारे सिनेमा जगत में एक बदलाव सा होता जा रहा है, पहले जो डेफिनेशन ऑफ ब्लॉक बस्टर, सुपरस्टार का था जो अब बदलता जा रहा है, अब फ़िल्म स्टोरी कंटेंट के लिए जानी जाती है।
जयदीप ने इस पर जवाब दिया, “फिल्मों में कंटेंट की महत्वपूर्ण भूमिका है तभी तो ओटीटी अपने सबाब पर है। दर्शको के लिए अब बहुत सारे ऑप्शंस है। फिल्मो का दायरा बढ़ गया है। कल्चर फिल्मे जब देश के बाहर जाती है तो लोग उसे पसंद करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “अब फिल्में सिर्फ सुपरस्टार्स के नाम पर नहीं चलती हैं, बल्कि कंटेंट की गुणवत्ता पर आधारित होती हैं। यह बदलाव दर्शकों के लिए अच्छा है, क्योंकि उन्हें अब विविधता और गुणवत्ता वाली फिल्में देखने को मिल रही हैं।”