21.1 C
Delhi
Wednesday, March 12, 2025

अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों के आरोप, कांग्रेस ने जेपीसी जांच की मांग दोहराई

नई दिल्ली, 21 नवंबर 2024, गुरुवार। कांग्रेस ने उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर बड़ा हमला बोला है। पार्टी ने कहा है कि यह आरोप इस बात को साबित करते हैं कि अडानी समूह के खिलाफ जेपीसी का गठन होना चाहिए। अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सौर परियोजनाओं के अनुबंध और वित्त पोषण हासिल किए। इस कथित योजना में 2020 से 2024 तक 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत दी गई।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “यह आरोप इस बात को साबित करते हैं कि अडानी समूह के खिलाफ जेपीसी का गठन होना चाहिए। तत्काल जेपीसी का गठन होना चाहिए।” इस मामले में गौतम अडानी के अलावा उनके भतीजे सागर अडानी और अडानी ग्रीन एनर्जी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विनीत जैन पर भी आरोप लगाए गए हैं।
कांग्रेस के जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा गौतम अडानी पर लगाए गए आरोप, कांग्रेस की मांग को सही साबित करते हैं कि अडानी समूह के खिलाफ जेपीसी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी ‘हम अडानी के हैं कौन’ श्रृंखला में 100 सवाल पूछे थे, लेकिन उनके जवाब नहीं मिले हैं। रमेश ने आगे कहा कि अडानी समूह के लेन-देन की जेपीसी से जांच कराने की मांग को दोहराते हुए, यह कहा गया है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में एकाधिकार बढ़ रहा है, मुद्रास्फीति बढ़ रही है और पड़ोसी देशों में विदेश नीति के लिए बड़ी चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं। उनके अनुसार, यह आरोप इस बात को साबित करते हैं कि अडानी समूह के खिलाफ जेपीसी जांच होनी चाहिए और कांग्रेस अपनी मांग पर कायम है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि अडानी ने 2020 से 2024 के बीच भारत सरकार के अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत दी, जिससे उन्हें सोलर पावर प्लांट्स की परियोजना का अनुबंध मिला और कर के बाद दो अरब डॉलर से अधिक मुनाफा हुआ। रमेश ने आरोप लगाया कि गौतम अडानी ने कई मौकों पर व्यक्तिगत रूप से अधिकारी से मुलाकात की और इसके इलेक्ट्रॉनिक और सेलुलर फोन सबूत हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के संरक्षण में की गई धोखाधड़ी है और इसके लिए जेपीसी का गठन होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि अडानी की जांच के लिए विदेशी अधिकार क्षेत्र का सहारा लेना भारतीय संस्थानों पर भाजपा के कब्जे को दर्शाता है। रमेश ने मांग की है कि अडानी महाघोटाले की जांच के लिए नए और विश्वसनीय सेबी प्रमुख को नियुक्त किया जाए और जेपीसी का गठन किया जाए।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »