मुजफ्फरनगर के मीरापुर विधानसभा सीट पर चुनावी रैली में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे “बंटोगे तो कटोगे” कहकर जनता को डराने का काम कर रहे हैं। ओवैसी ने भाजपा पर जहर फैलाने और महंगाई से जनता को पीसने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रोजगार की कमी से युवा परेशान हैं और सपा व भाजपा को एक सिक्के के दो पहलू बताया। वक्फ कानून को काला बताते हुए उन्होंने चेताया कि संपत्तियों पर जिलाधिकारियों का कब्जा हो सकता है।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उपचुनाव में सपा पहले ही हार मान चुकी है और अब जयंत चौधरी को हराना है। ककरौली की जनसभा में उन्होंने याद दिलाया कि मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे और दंगा पीड़ित टेंट में रह रहे थे, जबकि सैफई में उत्सव मनाया जा रहा था। दूसरी ओर, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने भाजपा के साथ गठबंधन में अपनी प्रत्याशी मिथलेश पाल के समर्थन में नौ गांवों में बड़ा रोड शो किया, जहां उनका फूलों की बारिश से स्वागत हुआ।
रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने मीरापुर में एनडीए को मिल रहे जनसमर्थन की सराहना की और कहा कि 20 नवंबर को जनता मतदान के जरिए नया इतिहास रचेगी। उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी की नीतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि रालोद के प्रति लोगों का बढ़ता भरोसा मीरापुर की उन्नति की नई लकीर खींचेगा। वहीं, आसपा काशीराम के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने अपने प्रत्याशी जाहिद हुसैन के लिए समर्थन मांगते हुए सीएम योगी से बंटने और कटने की बात छोड़कर विकास और रोजगार पर ध्यान देने का आह्वान किया।
चंद्रशेखर आजाद ने सीएम योगी के “बटोगे तो कटोगे” नारे पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह नकारात्मक बयान जनता को भयभीत करने और अपनी विफलताएं छिपाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि सरकार को महिला अधिकार, रोजगार, महंगाई और विकास पर बात करनी चाहिए, नहीं तो जनता एक दिन उनकी कुर्सी खींच लेगी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी संविधान और आरक्षण के साथ खिलवाड़ कर रही है, और समाज में भय व नफरत फैला रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने लोकतंत्र विरोधी कार्य किए हैं और चुनाव में बेईमानी न होती तो इंडिया गठबंधन को बड़ी जीत मिलती।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के नकारात्मक नारों से अब उनके सहयोगी भी किनारा कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि सपा की पीडीए (पिछड़े, दलित, आदिवासी) गठबंधन सकारात्मक राजनीति के साथ लोगों को एकजुट कर रहा है। भाजपा का एनडीए निगेटिव है और समाज में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के प्रति नकारात्मकता फैलाने का काम कर रहा है, जबकि पीडीए जोड़ने और सकारात्मकता लाने के लिए काम कर रहा है।