वाराणसी, 19 नवंबर 2024, मंगलवार। वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) में रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है, जहां एक क्लर्क को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। अधिवक्ता शिव कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया है कि उनके फ्लैट के नामांतरण के लिए कोर्ट के आदेश के बावजूद रिश्वत मांगी गई। उनका कहना है कि शास्त्रीय नगर आवासीय योजना में उनका फ्लैट आता है, लेकिन क्लर्क और अधिकारियों की मिलीभगत से उन्हें चार सालों से दौड़ाया जा रहा था।
अधिवक्ता शिव कुमार सिन्हा ने बताया कि VDA में उनके फ्लैट के नामांतरण के लिए पैसे की मांग की गई और पैसा न देने पर उनका नाम खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि क्लर्क ने कहा था कि बिना पैसे लिए बड़े अधिकारी काम नहीं करते हैं। उन्होंने आगे बताया कि पहले 2 लाख रुपये मांगे गए थे, लेकिन बाद में 50 हजार में मामला तय हुआ। उन्होंने 5000 रुपये दिए थे, जिस दौरान क्लर्क को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।