लखनऊ, 18 नवंबर 2024, सोमवार। गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। तुलसी पीठाधीश डॉ. स्वामी भगवदाचार्य ने सरकार की ओर से गैर जिले बांदा के राजापुर को तुलसी का जन्मस्थान बताकर दिए गए 21 करोड़ रुपये पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि गोस्वामी तुलसीदास का जन्म गोण्डा जिले के राजापुर में हुआ था, न कि बांदा में।
डॉ. भगवदाचार्य ने बांदा जिले के गजेटियर और इम्पीरियल गजेटियर कलकत्ता का हवाला देते हुए कहा कि राजापुर चित्रकूट तुलसी जन्मभूमि होने का सवाल ही नहीं है, क्योंकि गोस्वामी तुलसी दास के जन्म के समय चित्रकूट के राजापुर का नाम विक्रमपुर था।
उन्होंने यह भी कहा कि गोस्वामी तुलसीदास की वास्तविक जन्मभूमि के विकास के लिए यह धनराशि खर्च की जानी चाहिए। सनातन धर्म परिषद एवं श्री तुलसी जन्मभूमि न्यास ने सरकार को सुझाव दिया है कि यहां तुलसीदास जी के नाम से एक विश्वविद्यालय की स्थापना की जानी चाहिए।
इस मामले में डॉ. भगवदाचार्य ने न्यायालय की शरण ली है और पेशी 25 नवम्बर को होगी। उन्होंने कहा कि पांच सौ वर्षो के बाद राम जन्मभूमि का फैसला हुआ और अब इसका निर्णय भी न्यायालय से होगा।