लखनऊ, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने एक बेहद कड़ा निर्णय लेते हुए आठ सरकारी डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है।
विभिन्न जिलों में कार्यरत ये चिकित्सा अधिकारी बगैर सूचना दिए लगातार ड्यूटी से गैरहाज़िर चल रहे थे।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ यह निर्णय लिया गया है उनमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बलदेव (मथुरा) में तैनात जनरल फिजीशियन डॉ. अनीता, जिला संयुक्त चिकित्सालय, वृंदावन (मथुरा) में तैनात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. निधि वर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फरह (मथुरा) में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. राधिका पाराशर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नमैनी (कासगंज) में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. आशीष कुमार, बाराबंकी में मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. एम ताहिर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रटौल (बागपत) में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार, लोक बंधु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय, लखनऊ में तैनात जनरल सर्जन डॉ. आशीष कुमार सिंह एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पयागपुर (बहराइच) में तैनात दंत शल्यक डॉ. पूनम पाल शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुण्डेर (अम्बेडकर नगर) में तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है और उन्नाव के सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सफीपुर (उन्नाव) के अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार वर्मा के विरुद्ध विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश जारी दिए गए हैं।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने वाराणसी के जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स एवं कर्मचारियों द्वारा चिकित्सालय की गरिमा धूमिल करने संबंधी वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उक्त प्रकरण की जांचकर कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि अस्पताल आरोग्यता का मन्दिर हैं, इसमें केवल मरीज रूपी ईश्वर की सेवा की जानी चाहिए, इसकी गरिमा को धूमिल करने वाले दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
एक अन्य मामले मे सीतापुर ज़िले के हरगांव सीएचसी के लेबर रूम एवं ओटी कक्ष के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लेबर रूम में मोबाइल एवं कैमरे को पूरी तरह से प्रतिबंधित किए जाने के निर्देश दिए और कहा कि लेबर रूम में चिकित्सक के अतिरिक्त अन्य किसी भी पुरुष का प्रवेश पूरी तरह से निषेध रहेगा।