मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
वाराणसी, 14 नवंबर 2024, गुरुवार। भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष कलश के दर्शन शुरू हो गए हैं और यह एक ऐतिहासिक पल है बौद्ध अनुयायियों के लिए। मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर परिसर में देश-विदेश से आए बौद्ध अनुयायियों और उपासकों ने अस्थि कलश के दर्शन किए। इस अवसर पर मंदिर के विहाराधिपति भिक्षु आर सुमितानंद थेरो के नेतृत्व में विशेष अनुष्ठान आरंभ हो गए।
दर्शन की विशेषताएं:
सुबह की पूजा-अर्चना: बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा की पूजा-अर्चना की।
विशेष सजावट: मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर स्थित तथागत की प्रतिमा को विशेष रूप से सजाया गया था।
वियतनामी कलाकारों का योगदान: वियतनामी कलाकारों ने बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दो मयूर बनाए थे, जो आकर्षण के केंद्र थे।
भक्तों की भीड़: मंदिर परिसर में तथागत के अस्थि अवशेष के दर्शन के लिए बौद्ध अनुयायियों की कतार भोर में ही लग गई थी।
इस पहले दिन लगभग सात हजार से अधिक बौद्ध अनुयायियों व उपासकों ने दर्शन किए। यह दर्शन कार्तिक पूर्णिमा तक जारी रहेंगे। यह एक अद्वितीय अवसर है बौद्ध अनुयायियों के लिए अपनी श्रद्धा और भक्ति को प्रदर्शित करने के लिए।