वाराणसी, 9 नवंबर 2024, शनिवार। वाराणसी के रमना गांव में एक अजीब घटना हुई। 40 कुंआरी लड़कियों को दिवाली पर गर्भवती महिलाओं के मैसेज मिल गए, जिससे हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने जांच शुरू की और सीडीओ ने माना कि यह मानवीय चूक है। उन्होंने कहा कि सभी कुंआरी लड़कियों का डाटा उस पोर्टल से डिलीट करवा दिया गया है। वाराणसी के सीडीओ हिमांशु नागपाल ने बताया कि रमना गांव से एक अजीब शिकायत मिली थी। 40 कुंआरी लड़कियों का नाम गर्भवती महिलाओं के पोर्टल पर दर्ज हो गया था, जिससे उन्हें दिवाली पर बाल विकास मंत्रालय से मैसेज मिला। जांच में पता चला कि आगनबाड़ी कार्यकत्री ने गलती से सभी का नाम पोर्टल पर चढ़ा दिया था, जो गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों को पुष्टाहार वितरित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
वाराणसी के सीडीओ ने बताया कि रमना गांव की आगनबाड़ी कार्यकत्री ने गलती से कुंआरी लड़कियों का नाम गर्भवती महिलाओं के पोर्टल पर दर्ज कर दिया था। इसकी वजह समरी रिवीजन के दौरान इकट्ठे फॉर्म और गर्भवती महिलाओं के डेटा का मिलना था। आगनबाड़ी कार्यकत्री ने अब उन नामों को डिलीट कर दिया है। सीडीओ ने माना कि रमना गांव में आगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा कुंआरी लड़कियों का नाम गर्भवती महिलाओं के पोर्टल पर दर्ज करने में गलती हुई है। उन्होंने पहले यह जांचा कि क्या लड़कियों को पुष्टाहार बांटा गया है, लेकिन जांच में ऐसा नहीं पाया गया। फिर भी, डीपीआरओ से जांच करवाई जा रही है और जांच के नतीजों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
बता दें, वाराणसी के रमना गांव में 40 कुंआरी लड़कियों के मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें उन्हें स्तनपान कराने वाली मां के रूप में सेवाओं का लाभ उठाने के लिए कहा गया। ग्राम प्रधान आरती पटेल ने बताया कि जब उन्हें इस मामले की शिकायत मिली, तो उन्होंने आगनबाड़ी कार्यकत्री से जानकारी मांगी, लेकिन उन्हें गलत व्यवहार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने डीएम से लिखित शिकायत की, जिसके बाद आगनबाड़ी कार्यकत्री की जांच शुरू हुई।