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Monday, August 11, 2025

महाकुंभ से पहले साधु-संतों के बीच जमीन के लिए महायुद्ध

प्रयागराज, 7 नवंबर 2024, गुरुवार। यूपी सरकार महाकुंभ 2025 आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने की कवायद में लगी है। महाकुंभ 2025 में लगभग 40 करोड़ लोग प्रयागराज आने की उम्मीद है, जो पिछले कुंभ मेले से ढेड़ से दो गुना अधिक है। त्रिवेणी संगम मुख्य गंतव्य स्थल होगा। इसके लिए शहर से जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। तो वहीं, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले से पहले ही संतों के बीच घमासान मच गया है। मेला प्रशासन द्वारा बुलाई गई अखाड़ों की बैठक में महंतों ने एक-दूसरे पर जमकर थप्पड़, लात-घूंसे चलाए। यह हंगामा महाकुंभ को लेकर अखाड़ों के बीच वर्चस्व की लड़ाई के कारण हुआ।
अखाड़ा परिषद दो गुटों में बंटा हुआ है, जिसके कारण यह विवाद हुआ। एक गुट के अध्यक्ष निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी और महामंत्री हरि गिरि हैं, जबकि दूसरे गुट के अध्यक्ष महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी और महामंत्री राजेंद्र दास हैं। महाकुंभ मेला अधिकारी और एसएसपी महाकुंभ मेला की मौजूदगी में हाथापाई की घटना हुई। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने बीच बचाव कर माहौल शांत कराया, लेकिन बवाल के चलते बैठक नहीं हो पाई।
महाकुंभ मेले में अखाड़ों के बीच विवाद के कारण:
अखाड़ा परिषद के दो गुटों में बंटवारा
वर्चस्व की लड़ाई
महाकुंभ मेले में अखाड़ों के बीच भूमि आवंटन को लेकर विवाद
यह विवाद सितंबर 2021 में अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के निधन के बाद से चल रहा है।

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