वाराणसी, 5 नवंबर 2024, मंगलवार: काशी के तुलसी घाट पर नाग नथैया लीला का अदभुत मंचन होता है, जो गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा स्थापित किया गया था। यह लीला भगवान श्री कृष्ण की कालिया नाग को दमन करने की कहानी पर आधारित है, जो गंगा नदी में होती है। इस लीला की सबसे खास बात यह है कि यह दक्षिण मुखी बाल हनुमान की स्वयं उपस्थिति में होती है, जो तुलसी घाट पर विराजमान हैं। लीला के दौरान, भगवान श्री कृष्ण कदम की डाल पर चढ़कर गंगा में कूदते हैं और कालिया नाग को दमन करते हैं।
इस लीला के पीछे एक गहरा अर्थ भी है, जो गोस्वामी तुलसीदास जी ने 400 वर्ष पूर्व रखा था। वह चाहते थे कि लोगों को नदियों के महत्व के बारे में पता चले और उनकी रक्षा के लिए प्रयास करें। आज, जब नदियां प्रदूषण से ग्रस्त हो रही हैं, यह लीला हमें नदियों के महत्व की याद दिलाती है और उनकी रक्षा के लिए प्रेरित करती है। वाराणसी में इस लीला को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं, जो इस अदभुत मंचन को देखकर भावविभोर होते हैं। यह लीला हमें प्रकृति के महत्व की याद दिलाती है और हमें उसकी रक्षा के लिए प्रेरित करती है।