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Friday, November 22, 2024

मोदी सरकार की झारखंड नीति पर जयराम रमेश का प्रहार

रांची, 4 नवंबर 2024, सोमवार: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन ने मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाया की मांग की थी, जिस पर अब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला झारखंड के विकास के लिए आवश्यक फंड की कमी को दर्शाता है, जिससे राज्य की जनता को परेशानी हो रही है। हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से अपने राज्य के लिए धन की मांग की है, लेकिन मोदी सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है।
अब जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा है, जिससे यह मामला और भी तूल पकड़ लिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर क्या जवाब देती है और झारखंड की जनता की समस्याओं का समाधान कैसे निकाला जाता है। जयराम रमेश ने कहा कि नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री आज झारखंड में हैं, लेकिन क्या वे अपने वादों को पूरा करने के लिए तैयार हैं? झारखंड के लोगों के पास उनसे तीन महत्वपूर्ण सवाल हैं जिनके जवाब उन्हें देने होंगे।
रेलवे लाइन का क्या हुआ?
लोहरदगा और चतरा के लोग वर्षों से बेहतर रेल कनेक्टिविटी की मांग कर रहे हैं। मोदी सरकार के सत्ता में आने के दस साल बाद भी इस संबंध में विशेष प्रगति नहीं हुई है। अक्टूबर 2022 में, रेल मंत्रालय ने चतरा-गया रेल परियोजना को मंजूरी दी, लेकिन दो साल बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई है। कोरबा-गुमला-लोहरदगा लाइन और चतरा-गया लाइन के लिए लोगों को और कितना इंतजार करना होगा?
इंजीनियरिंग कॉलेज कहां हैं?
नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने 2014 में झारखंड में कई इंजीनियरिंग कॉलेजों का वादा किया था, लेकिन अब तक केवल दो संस्थान ही स्थापित हुए हैं – NIELIT रांची और CIPET खूंटी। यूपीए सरकार ने आईआईएम रांची और एक केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे अच्छी क्वालिटी वाले संस्थानों की स्थापना की थी। नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री शैक्षिक संस्थानों के वादे पूरे करने में क्यों विफल रहे?
कोडरमा में मेडिकल कॉलेज का क्या हुआ?
नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने बार-बार कोडरमा में मेडिकल कॉलेज बनाने का वादा किया है, लेकिन यह प्रोजेक्ट अभी तक साकार नहीं हुआ है। यह कॉलेज 70 एकड़ भूमि पर बनाया जाना था और इसमें 100 एमबीबीएस की सीटें होनी थीं। प्रधानमंत्री ने छह साल पहले 2018 में इसकी आधारशिला रखी थी और 2019 में इस परियोजना को फिर से पूरा करने का वादा किया था। क्या प्रधानमंत्री कभी अपने इस वादे को पूरा करने का इरादा रखते हैं?

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