प्रयागराज, 4 नवंबर 2024, सोमवार: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आगामी महाकुंभ मेले के लिए एक फैसला लिया है, जिसमें मेला क्षेत्र में किसी भी मुस्लिम व्यक्ति को दुकान आवंटित न की जाए। परिषद का मानना है कि हाल-फिलहाल में कई घटनाएं प्रकाश में आई हैं जिसमें मुस्लिम युवकों द्वारा खाद्य पदार्थ में थूकने और अन्य प्रकार की गंदगी मिलाई जा रही थी। इस प्रकार की घटनाओं को देखते हुए, परिषद ने यह फैसला लिया है कि मेला क्षेत्र में किसी भी मुस्लिम दुकानदार को दुकान आवंटित न की जाए। परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि जिन संस्थाओं या दुकानदारों के प्रमुख हिंदू, सिख, जैन या बौद्ध नहीं हैं, उनको महाकुंभ में शिविर स्थापित करने या भूमि की सुविधा नहीं दी जानी चाहिए।
खाद्य पदार्थ में थूकने की घटनाओं के बाद अखाड़ा परिषद का सख्त रुख
परिषद का मानना है कि मुसलमानों द्वारा खाद्य पदार्थ में थूकने की घटना से सनातन धर्म की अनुयायियों को ठेस पहुंचती है और मेला क्षेत्र में इस प्रकार का कृत्य करता हुआ अगर कोई पाया गया तो इससे साधु-संत आक्रोशित हो सकते हैं। साधु-संतों के आक्रोशित होने से मेले का स्वरूप बिगड़ सकता है। इसलिए, परिषद ने प्रशासन से यह मांग की है कि मुसलमान दुकानदारों को दुकान आवंटित न की जाए ताकि मेला क्षेत्र में शांति-व्यवस्था कायम रहे और सब कुछ सुचारू रूप से चले।
महाकुंभ में अल्पसंख्यकों के दुकान नहीं लगाने के फैसले पर धीरेंद्र शास्त्री की मुहर
महाकुंभ मेले में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को दुकान नहीं देने के अखाड़ा परिषद के फैसले को धीरेंद्र शास्त्री ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अल्पसंख्यकों का प्रवेश वर्जित रखना चाहिए और उन्हें दुकान भी नहीं देना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने तर्क दिया कि जो लोग सनातन धर्म के बारे में नहीं जानते हैं, वे महाकुंभ में दुकान कैसे संचालित कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि जो लोग राम और सनातन को नहीं मानते हैं, उन्हें त्रिवेण संगम पर जाने का क्या काम है?
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अखाड़ा परिषद की मांग बिल्कुल ठीक है और महाकुंभ में गैर-हिंदुओं को दुकान नहीं मिलनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि महाकुंभ में गैर-हिंदुओं का प्रवेश भी वर्जित होना चाहिए। इस दौरान, धीरेंद्र शास्त्री ने अमिताभ बच्चन की फिल्म का गीत भी गुनगुनाया, “मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है?” उन्होंने कहा कि जब गैर हिंदू भगवान राम के नहीं हैं तो फिर महाकुंभ में उनका क्या काम है? धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि पूर्व में कई थूक कांड सामने आ चुके हैं और ऐसे मामलों में सबक लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिन्हें सनातन के बारे में जानकारी नहीं है, वे सनातनी लोगों के बीच में बैठकर व्यापार नहीं कर सकते हैं। ऐसे में वे अखाड़ा परिषद के फैसले का स्वागत करते हैं।
महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध: काजी अनस अली ने जताया विरोध
मुस्लिम धर्मगुरु काजी अनस अली ने महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध के मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अगर महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री नहीं होगी, तो यह ठीक है, लेकिन हम चाहते हैं कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री मुस्लिम समुदाय के कार्यक्रमों में शामिल हों और मुस्लिम धर्म को समझें। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में मुसलमानों के साथ भेदभाव हो रहा है और उन्हें नमाज पढ़ने नहीं दिया जा रहा है। मुसलमानों को व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जो कि गलत है।
काजी अनस अली ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाया कि वे मुसलमानों के खिलाफ बोलते हैं और उन्हें टारगेट करते हैं। उन्होंने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री की सोच बहुत छोटी है और वे संत नहीं हैं, बल्कि एक राजनीतिक व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम व्यापारी भी सभी आयोजनों का इंतजार करते हैं और हिंदू व्यापारी भी ईद का इंतजार करते हैं। इसलिए, महाकुंभ में मुसलमानों को भी दुकान लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए और हिंदू उनसे सामान खरीद सकते हैं। काजी अनस अली ने मुख्यमंत्री योगी पर भी आरोप लगाया कि वे सत्ता में बने रहने के लिए मुसलमानों के खिलाफ आवाज को बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि योगी को समझना चाहिए कि वक्त बदलता जरूर है।