नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2024, गुरुवार। भगवान धन्वंतरि को देवताओं का वैद्य यूं ही नहीं कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य को ही सबसे बड़ा धन माना गया है। इसलिए इस दिन को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अंश माना जाता है और इन्होंने ही संसार में चिकित्सा विज्ञान का प्रचार और प्रसार किया था। भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के कारण इस दिन को वैद्य समाज धन्वंतरि जयंती के रूप में मनाता है। वहीं, आयुष मंत्रालय ‘वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार’ थीम पर 29 अक्टूबर 2024 को 9वां आयुर्वेद दिवस मनाने जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि इस वर्ष, दुनिया भर के 150 से अधिक देश आयुर्वेद दिवस मनाएंगे। आयुष मंत्रालय द्वारा आयुर्वेद दिवस के दिन अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने आयुर्वेद दिवस के महत्व पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि आयुर्वेद दिवस अब एक वैश्विक अभियान बन चुका है और हमें गर्व है कि इस वर्ष 150 से अधिक देशों द्वारा आयुर्वेद दिवस समारोह में मनाये जाने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के आयुर्वेद दिवस की थीम ‘वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार’ है। प्रताप राव जाधव ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नई दिशा देता है। वैश्विक जन कल्याण के लिए भारत का उद्देश्य है कि आयुर्वेद को एक सशक्त चिकित्सा प्रणाली के रूप में वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिले। आयुर्वेद की जागरूकता के लिए अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने देशभर में एक महीने के कार्यक्रम की शुरुआत की है।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि आयुर्वेद दिवस उत्सव के माध्यम से, आयुष गैर-संचारी रोगों, मानसिक स्वास्थ्य, एंटीमाइक्रोबियल रसिस्टेंस और वृद्धावस्था देखभाल (जीरिआर्टिक केयर) सहित महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषयों के लिए समकालीन विज्ञान के साथ आयुर्वेद को एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने कहा, आयुर्वेद का ज्ञान विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से आम जनता के लिए आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें आयुष ग्रिड के तहत आयुर्ज्ञान योजना, आयुष अनुसंधान पोर्टल और नमस्ते पोर्टल जैसी प्रमुख पहल शामिल हैं। वर्तमान समय में, आयुर्वेद को दुनिया भर के 24 देशों में मान्यता प्राप्त है, जबकि भारतीय आयुर्वेद उत्पादों का निर्यात 100 से अधिक देशों में होता है।
इस वर्ष के समारोह में स्टार्टअप्स और उद्योग की महत्वपूर्ण भागीदारी देखने को मिलेगी, जिससे आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार के केंद्र में लाया जा सकेगा। विश्व भर के आयुष प्रोफेशनल्स इस वर्ष की थीम ‘आयुर्वेद में नवाचार’ को लेकर विशेष रूप से भाग लेंगे। आयुष मंत्रालय के सलाहकार और नॉर्थ ईस्ट इस अवसर पर आयुर्वेद और होम्योपैथी संस्थान, शिलांग के निदेशक डॉ. मनोज नेसारी ने कहा, थीम वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार को विशेष रूप से इस उद्देश्य से चुना गया है कि आयुर्वेद में किए गए विशाल अनुसंधान कार्य लोगों के सामने लाया जा सके। यह कदम दुनिया भर के लोगों की भौगोलिक सीमाओं, धर्म, जातीयता और सामाजिक स्थिति से परे उनके स्वास्थ्य देखभाल में आयुर्वेद की प्रासंगिकता को भी दर्शाता है। नवाचार पर विशेष ध्यान हमारे युवाओं को आयुर्वेद को अपनाने और स्वयं के स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित करेगा और उत्तर पूर्वी राज्यों के लोगों में इस थीम को लेकर काफी उत्साह और आयुर्वेद की स्वीकृति में वृद्धि दिखाई दे रही है।
जम्मू और कश्मीर आयुष निदेशक डॉ. मोहन सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हम सभी आयुर्वेद दिवस 2024 की गतिविधियों का हिस्सा बनने जा रहे हैं। हम आशा करते हैं कि इस वर्ष के आयुर्वेद दिवस उत्सव में एक स्वस्थ और स्थायी वैश्विक स्वास्थ्य व्यवस्था निर्मित करने के लिए समर्पित प्रोफेशनल्स, शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स का असाधारण संगम देखने को मिलेगा। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति डॉ. संजीव शर्मा ने कहा, आयुर्वेद दिवस 2024 समारोह प्राचीन ज्ञान आधुनिक नवाचार के साथ एकीकृत होकर वैश्विक स्वास्थ्य व्यवस्थ को सशक्त बनाने के लिए कार्य करेगा।