रामायण में वर्णन है कि भगवान राम की चरण रज जब एक शिला पर लगी तो उसमें से अहिल्या प्रगट हुई और उनका उद्धार हो गया। लेकिन अब तो विधायकों की चरण रज से भी बड़े बड़ों का उद्धार होने लगा है। हुआ कुछ यूं कि एक रामलीला कमेटी के विवाद को समाप्त करने में उस क्षेत्र के विधायक का बड़ा योगदान रहा। इससे रामलीला भी संपन्न हो गई और सभी कार्य बिना किसी विवाद के संपन्न हो गये। लेकिन प्रेस नोट जारी करने वाले एक महानुभाव ने अपने भावों के अनुसार उसमें लिखा विधायक जी की चरण रज से रामलीला कमेटी का उद्धार हो गया। हालांकि वे यह भी कह सकते थे कि उनके प्रयास से, लेकिन इसमें विधायक जी को तो खुश करना था।
टिकट तो तीन घंटे में ले आऊंगा
किसी किसी नेता को बड़ा गुमान होता है कि वह जब जो चाहे कर सकते हैं। ऐसे ही एक पूर्व विधायक जी जो पड़ौस की सीट से सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं से दरबारी लाल ने पूछा कि क्या गाजियाबाद शहर सीट से उप चुनाव लड़ोगे। उन्होंने तपाक से पूछा कि भाजपा से टिकट किसका हो रहा है। जब कहा गया कि अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है तो उन्होंने कहा कि भाजपा का टिकट घोषित हो जाये, फिर तीन घंटे में कांग्रेस का टिकट ले आऊंगा। हालांकि नेताजी अभी कांग्रेस में नहीं उसके सहयोगी दल में है। इस पर एक कांग्रेसी ने चुटकी ली, नेताजी कांग्रेस को क्या पंसारी की दुकान समझ रहे हैं।