अयोध्या, 17 अक्टूबर 2024, गुरुवार। इस साल जनवरी में राम मंदिर के शुभांरभ के कारण शहर और आसपास बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधियों के बाद संपत्ति की दरें आसमान छू रही हैं। तो वहीं, धर्मनगरी अयोध्या में जमीन के दाम बढ़ने के साथ ही प्रशासनिक हस्तक्षेप और जबरन कब्जों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हालिया घटनाओं में प्रशासन द्वारा नागरिकों की निजी जमीनों पर उद्योगपतियों के लिए जबरन कब्जा कराया जा रहा है। एक ऐसा ही प्रकरण गुरुवार को राजकीय आईटीआई के सामने सामने आया है, जहां प्रशासन की भूमिका विवादित हो गई है।
पीड़ित संजय गुप्ता का कहना है कि प्रशासन द्वारा उद्योगपति अमनदीप कौर को उनकी 25,000 स्क्वायर फीट जमीन पर कब्जा करने में मदद की जा रही है। पीड़ित के अनुसार, उनकी जमीन पर कानूनी विवाद पहले से ही कोर्ट में लंबित है, फिर भी सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा जारी 145 की कार्यवाही के बावजूद निर्माण कार्य जारी है। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन ने मिलकर उनकी जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करवाने का काम किया है। जब उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध किया, तो पुलिस अधिकारियों ने सीओ सिटी साहब के आदेश का हवाला दिया।
पीड़ित परिवार ने प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत के खिलाफ आवाज उठाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि अदालत में केस विचाराधीन होने के बावजूद उनकी जमीन पर बिना किसी कानूनी आधार के कब्जा करवाया जा रहा है, जो कानूनी और नैतिक दोनों ही दृष्टियों से गलत है। इस मामले ने अयोध्या में प्रशासनिक भ्रष्टाचार और उद्योगपतियों के साथ सांठगांठ की तरफ इशारा किया है।