17 अक्टूबर 2024
रायपुर, 1975-77 के आपातकाल की बात करें तो यह एक ऐसा दौर था जब लोकतंत्र की आवाज को दबाने की हर कोशिश की जा रही थी। लेकिन देशभर में ऐसे अनेक लोग थे जिन्होंने विरोध की मशाल जलाए रखी और अपने हक की लड़ाई लड़ी। छत्तीसगढ़ सरकार ने अब उन लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जो उस मुश्किल समय में आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) के तहत गिरफ्तार किए गए थे।
राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंत्रालय महानदी भवन में की, में निर्णय लिया गया कि इन सेनानियों के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार के समय उन्हें राजकीय सम्मान दिया जाएगा। इसके साथ ही, उनके परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
कैबिनेट ने इसके लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण (MISA/डिफेंस ऑफ इंडिया रूल्स (DIR) राजनीतिक या सामाजिक कारणों से निरुद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि नियम, 2008 में संशोधन को मंजूरी दी।
राज्य के लगभग 350 MISA बंदी इस फैसले से लाभान्वित होंगे। यह निर्णय उन लोगों के लिए एक विशेष मान्यता के रूप में है जिन्होंने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया और लोकतंत्र की रक्षा में अपना योगदान दिया।
गौरतलब है कि फरवरी में छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने MISA बंदियों के लिए पेंशन योजना को फिर से शुरू किया था, जिसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2019 में बंद कर दिया था। यह पेंशन योजना पहली बार 2008 में भाजपा शासनकाल में शुरू की गई थी, जिसके तहत MISA बंदियों (लोकतंत्र सेनानी) को 10,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक की मासिक पेंशन दी जाती है।