मुंबई, 9 अक्टूबर 2024, बुधवार। हरियाणा में कांग्रेस जो चुनाव में जीत के दावे कर रही थी, उसे बुरी हार का सामना करना पड़ा है। हरियाणा में कांग्रेस को मिली हार के बाद महाराष्ट्र में हलचल शुरू हो चुकी है। कांग्रेस की महाराष्ट्र में सहयोगी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने हरियाणा का परिणाम आते ही कांग्रेस को चेताते हुए संदेश दे दिया है कि कांग्रेस महाराष्ट्र में चुनाव से पहले ही धरालत पर आ जाए। उद्धव ठाकरे की शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस को हरियाणा में मिली हार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा हरियाणा में भाजपा सरकार बनने पर मैं उसे बधाई देती हूं साथ ही कांग्रेस को अपनी चुनावी रणनीति पर गौर करना होगा कि जहां भी भाजपा से उसका सीधा मुकाबला होता है वो वे कहां कमजाेर पड़ जाते हैं। ऐसा क्यों है और इस पर काम करें।
हरियाणा की हार और जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के भरोसे मिली कामयाबी साबित करती है कि कांग्रेस का परफॉर्मेंस सहयोगियों के भरोसे ही रहता है और यही वजह है कि राहुल गांधी को उद्धव ठाकरे की बातें सुननी पड़ रही हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और उनकी शिवसेना यूबीटी के नेताओं के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं। हरियाणा विधान सभा चुनाव परिणाम आने के बाद उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के आगामी विधान सभा चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे वाला राग छेड़ दिया है।
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष, उद्धव ठाकरे ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन सहयोगियों, कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) द्वारा घोषित किसी भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। यह घोषणा महाराष्ट्र को बचाने के उद्देश्य से की गई है और ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस पार्टी को हरियाणा में असफलताओं का सामना करना पड़ा है, और भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार दिख रही है।
मुंबई में एक नागरिक समाज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने अगस्त में दिए गए अपने बयान को दोहराया, जिसमें विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) द्वारा चुनाव में उतरने से पहले मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने के महत्व पर जोर दिया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि इससे गठबंधन के सहयोगियों, कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) के बीच स्पष्टता और एकता आएगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वे एक स्वर में बोलें।
ठाकरे ने कहा राज्य के हितों का समर्थन करने के अपने संकल्प पर जोर देते हुए। मैंने पहले भी कहा है, और मैं इसे फिर से कह रहा हूं, कि या तो कांग्रेस या एनसीपी (एसपी) को (मुख्यमंत्री पद के लिए) एक चेहरा घोषित करना चाहिए। कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) को एक स्वर में बोलना चाहिए। मैं उनके द्वारा घोषित किसी भी चेहरे का समर्थन करूंगा क्योंकि महाराष्ट्र मुझे प्रिय है। मेरी प्रतिबद्धता महाराष्ट्र को ‘बचाने’ के लिए कुछ भी करने की है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में महाअघाड़ी में शामिल कांग्रेस को अन्य दोनों की बजाय महाराष्ट्र में अधिक सीटों पर जीत मिली थी। जिसके आधार पर कांग्रेस लगातार आगामी विधानसभा चुनाव में अपने सहयोगियों से अधिक सीटों की डिमांड पर अड़ी हुई है। ये ही वजह है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल कांग्रेस और ठाकरे की शिवसेना में तनातनी चल रही है।