हरियाणा चुनाव के नतीजे आने पर पूर्व भाजपा सांसद पूर्व WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा विनेश फोगाट की जीत तो हो गई है लेकिन वो जहां कदम रखती हैं उसका बंटाधार हो जाता है कांग्रेस में गई है कांग्रेस का बंटाधार हो जाएगा
1) सभी एग्जिट पोलस्टर्स ने अनुसुचित जाति (SC) दलित समाज का वोट, जिनकी कुल आबादी हरियाणा में लगभग 22.50% है, को कांग्रेस के खाते में दिखाया। हुआ बिल्कुल उल्टा।
इस कुल 22.50% में से केवल 8.50% वोट, जिनको चमार, रैगर, जाटव, रविदासी कहा जाता है, उनका वोट भाजपा, कांग्रेस, इनेलो-बसपा, आसपा- जजपा जैसे सभी दलों को गया।
जब की वंचित अनुसुचित जाति, जिनका वोट 14% है, जिनको हरियाणा की मनोहर लाल की भाजपा सरकार ने DSC या Deprived Scheduled Caste का नाम दिया था, उनका लगभग सारा वोट भाजपा के कमल चिन्ह पर पड़ा। हरियाणा में भाजपा को छोड़कर सभी दल वर्गीकरण के खिलाफ हैं।
DSC समाज का वोट भाजपा को मिले, इसके लिए DSC समाज के मंचो से ऐलान किए गए, नेताओं ने समाज में अभियान चलाकर भाजपा को मजबूत किया। लेकिन अपने दलित विरोध और आरक्षण हटाने (राहुल गांधी का अमेरिका में दिया बयान ले डूबा) की मानसिकता के चलते, कांग्रेस ने पूरे समाज का उपहास किया।
2) हरियाणा के 2024 विधानसभा चुनाव में 67.90% वोटिंग हुई, जो लगभग 2019 के 67.94% जितनी ही है। लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव से 3.1% अधिक है, जब वोटिंग परसेंट सिर्फ 64.8% था।
इन 3.1% मतदाताओं में अधिकांश संभवतः भाजपा के वो समर्थक थे जिन्होंने लोक सभा में किसी कारण से वोट नहीं डाला था।
3) अंत में हरियाणा में एक बड़ा silent वर्ग था जो कांग्रेस और भूपेंद्र हुड्डा की अराजक सरकार वापस नहीं चाहता था। उसने अपने वोट से अपना मत साफ कर दिया है।