वाराणसी, 5 अक्टूबर। बरेली के कल्याणपुर में अवैध रूप से पटाखे बनाने के चलते हुए विस्फोट के मामले में डीजीपी प्रशांत कुमार ने अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और गोदामों के खिलाफ नौ अक्टूबर तक अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने कहा है कि अगर अभियान के बाद अगर लापरवाही से कोई हादसा होता है तो उस इलाके के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी के निर्देश के बाद वाराणसी में पटाखा को लेकर बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने करीब 35 हजार किलोग्राम पटाखा जब्त किया जिसकी कीमत लगभग दो करोड़ रुपये बतायी जा रही है।
हाल ही में बरेली में पटाखा फैक्ट्री में हुए दर्दनाक हादसे के मद्देनजर, शासन और पुलिस महानिदेशक के निदेशों के अनुरूप वाराणसी पुलिस द्वारा विशेष सतर्कता बरती जा रही है। आगामी त्योहारों के दौरान किसी भी संभावित हादसे को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, वाराणसी पुलिस आयुक्त के निर्देशन में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में गोमती जोन के पुलिस उपायुक्त एवं अपर पुलिस उपायुक्त के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस आयुक्त, पिंडरा के नेतृत्व में ग्राम सराय मुगल रमईपट्टी स्थित अवैध पटाखा गोदाम हिंदुस्तान फायरवर्क्स पर छापा मारकर 35,314 किलोग्राम अवैध पटाखे जब्त किया गया।
सोती रही बड़ागांव पुलिस
जिस स्थान पर पटाखों का भंडारण पकड़ा गया ठीक उसी के बगल में एक कान्वेंट स्कूल था जो पूरी तरह से नियम के विरुद्ध था लेकिन अभी तक बड़ागांव थानाध्यक्ष इस पर ध्यान नहीं दे रहे थे। यह गोदाम तो एक उदाहरण है बड़ागांव थानाक्षेत्र के अभी भी कई ऐसे गांव हैं जहां पटाखों का गोदाम है लेकिन यहां बड़ागांव थानाध्यक्ष की निगाह नहीं पड़ रही। बड़ागांव थानाध्यक्ष अगर रोजाना इन गांवों में निरीक्षण करें तो पटाखों का गोदाम पकड़ा जायेगा।
एक सवाल
पटाखे का गोदाम पकड़ जिस तरह बड़ागांव थानाध्यक्ष अपनी पीठ थपथपा रहें है इससे एक सवाल वहां के लोगों में भी कौधने लगा है। जिस स्थान पर यह गोदाम था उसी के ठीक बगल में एक सीबीएसई का विद्यालय संचालित हो रहा था, जब बड़ागांव थानाध्यक्ष को इसकी जानकारी थी तो यह कार्रवाई पहले क्यो नहीं किया। क्या वह बरेली जैसे हादसे का इंतजार कर रहे थे।