आजकल बच्चों से लेकर बड़ों तक कोई भी मोबाइल के बिना नहीं रह सकता है। हम किसी ना किसी बहाने सबसे अधिक समय अपने मोबाइल के साथ बिताते हैं। थोड़े समय के लिए अगर मोबाइल नजर न आए तो परेशान हो जाते हैं। मोबाइल के बिना सब अधूरा-अधूरा सा सकता है। मोबाइल की इस लत का सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं। जब बच्चों को मोबाइल से दूर किया जाता है, तो कई बार वो हिंसक हो जाते हैं। सोशल मीडिया पर मां और बच्चों के बीच प्यार के कई वीडियो वायरल होते हैं, लेकिन इनदिनों एक डराने वाला वीडियो सामने आया है। इसमें देखा जा सकता है कि एक बच्चे से उसकी मां फोन छीन लेती है और उसके हाथ में किताब थमा देती है। थोड़ी देर में जब मां पीछे की तरफ देखकर बैठी होती है तो बच्चा पीछे से आकर मां के सिर पर बल्ले से वार कर देता है और मां फर्श पर सिर के बल गिर जाती है।
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि बच्चे के इस हमले से मां की मौत हो जाती है। बच्चा मां के नीचे गिरने पर फोन फिर से मां के पास से उठा लेता है और फोन यूज करने लगता है। बता दें, आजकल लोग तेजी से मोबाइल का शिकार हो रहे हैं, हम मोबाइल के बिना रह नहीं सकते हैं। मोबाइल के बिना लोगों को अधूरापन सा महसूस होता है। मोबाइल की इसी लत को ‘नोमोफोबिया’ कहा जाता है। जिसका मतलब है मोबाइल न होने का डर। भारत में 4 में से 3 लोग नोमोफोबिया से पीड़ित हैं। ऐसे लोगों का अगर इंटरनेट या मोबाइल की बैटरी खत्म हो जाती है, तो वो परेशान हो जाते हैं। स्मार्टफोन एडिक्शन का कुछ आदतें और लक्षणों के आधार पर पता लगाया जा सकता है। अगर आप अपना मोबाइल बाहर जाते वक्त घर छूटने पर परेशान हो जाते हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत है। बिना फोन के खुद को असहाय महसूस करना इस बात का संकेत है कि आपको फोन का एडिक्शन हो चुका है।