वाराणसी, 25 सितंबर। गढ्ढामुक्त सड़क अभियान की हकीकत देखनी हो तो बनारस चले आए। यहां पग-पग पर आपको अभियान की पोल खुलती दिखेगी। इसलिए तो हम कह रहे आगामी आने वाले त्योहार दुर्गा पूजा, दशहरा पर यदि आप घूमने निकले तो जरा बच बचाकर चलिएगा। नवरात्र व दुर्गापूजा में शहर में जगह- जगह पंडाल लगाए जाते हैं। ऐसे में सड़कों के गड्ढों में श्रद्धालुओं को ठोकर लगना तय माना जा रहा है। नवरात्र, दुर्गापूजा, दशहरा व दीपावली भी अक्टूबर माह में ही पड़ रहे हैं। भेलूपुर जवाहर नगर कालोनी, सुदामापुर, जैतपुरा, हथुआ मार्केट, हनुमानफटक मार्ग की सड़क अब भी खस्ता है। बहरहाल इसका खामियाजा शहरवासी झेल रहे हैं।
बता दें, सड़कों के निर्माण व मरम्मत के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। इसके बाद भी गड्ढा मुक्त सड़क की कल्पना साकार नहीं हो रही है। आठ दिन बाद नवरात्र शुरू हो रहा है। इस क्रम में विभिन्न पूजा समितियां दुर्गा पंडालों को अंतिम रूप देने में जुटी हुई हैं। वहीं, लोक निर्माण विभाग व नगर निगम की सड़क मरम्मत की योजनाएं अब भी फाइलों में दौड़ रही हैं। हालत यह है कि दुर्गा पूजा पंडालों का पहुंच मार्ग अब भी खस्ता है। जगह-जगह गड्ढे सड़कों के रखरखाव की गंभीरता की सच्चाई बखान कर रही है। हालत यह हो गई है कि मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को त्योहारों के मद्देनजर प्रदेश की सभी सड़कों को 10 अक्टूबर तक गड्ढामुक्त करने का निर्देश देना पड़ा।
शहर के 100 वार्डों में कुल 387 सड़कों के रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी नगर निगम पर है। वहीं शहर के प्रमुख मार्गों का निर्माण व मरम्मत पीडब्ल्यूडी के जिम्मे है। हालांकि, मुख्य मार्ग भले ही चमाचम दिख रहा है, लेकिन संपर्क मार्गों की हालत काफी खस्ता है। शहर में शायद ही कोई ऐसा संपर्क मार्ग होगा, जहां गड्ढे न हों। आप जिस भी रोड पर जाएंगे गड्ढे के चलते हिचकोला खाना तय है। वहीं बारिश ने इन सड़कों की सूरत और बिगाड़ दी है। सड़कों को क्षतिग्रस्त करने में पेयजल की लीकेज पाइप लाइन व सीवर ओवर फ्लो की भी भूमिका कम नहीं है। लेकिन जिम्मेदार मौन हैं। वाराणसी मार्ग पर सुहाने सफर का सपना काशीवासी वर्षों से देख रहे हैं, लेकिन सड़क कब बनेगी यह भविष्य के गर्भ में है।