वाराणसी। सरसुंदरलाल अस्पताल बीएचयू के नर्सिंग स्टाफ की मौत के बाद सहकर्मियों का अस्पताल प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। सहकर्मियों ने रविवार को अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर विरोध-प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गए। सहकर्मियों का आरोप है अस्पताल प्रशासन के वर्कलोड की वजह से नर्सिंग स्टाफ को हार्ट अटैक आया। जिसके कारण सहकर्मी की मौत हो गई। सहकर्मियों ने कहा कि नर्सिंग स्टाफों से दस-दस घण्टों की कड़ी ड्यूटी कराई जाती है। एक नर्सिंग स्टाफ को 15 से 20 बेड की जिम्मेदारी दी जाती है। जिसके कारण स्टाफ तनाव में रहते है और सेहत बिगड़ने लगती है। जिसका परिणाम यह हुआ आज हमने अपना साथी खो दिया।
दरसल, रविवार की सुबह 6 बजे CCU वार्ड में ड्यूटी के दौरान नर्सिंग स्टाफ खेमचंद सैनी (32) की अचानक तबीयत बिगड़ी। इमरजेंसी ले जाया गया तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। मौत की वजह अभी सामने नहीं आ सकी है। विरोध कर रहे नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि खेमचंद की मौत वर्कलोड के कारण हुई है। उसे हार्टअटैक आया है। नर्सिंग स्टाफ ने कहा कि उन्हें हफ्ते में एक भी छुट्टी नहीं मिलती। शिकायत करो तो इंक्रीमेंट रोकने की धमकी दी जाती है।
वहीं, धरना प्रदर्शन करने वाले नर्सिंग स्टाफ बाबू लाल यादव ने कहा कि हमारी मांग है कि खेमचंद के परिवार को मुआवजा दिया जाए मृतक की पत्नी को नौकरी और बच्चे को फ्री शिक्षा दी जाए। नर्सिंग स्टाफों ने मांग किया कि अस्पताल के अंदर मंत्रालय के गाइडलाइन का पालन कर नर्सिंग स्टाफ को निर्धारित बेड का जिम्मा दिया जाए। उच्च अधिकारी अपने तुगलकी फरमान से हमें प्रताड़ित न करें। हमें तनावमुक्त रखकर ड्यूटी ली जाए।