N/A
Total Visitor
33.7 C
Delhi
Wednesday, August 6, 2025

मुख्तार-अतीक को गोद में बिठाने वाले क्या जानेंगे मठाधीश और माफिया का अंतर

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बयान पर भड़का संत समाज
माफिया के इन दलालों को उचित समय पर जवाब देगी उत्तर प्रदेश की जनता
संतों ने की प्रार्थना- मानसिक संतुलन खो बैठे अखिलेश को ईश्वर सद्बुद्धि प्रदान करें
लखनऊ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बयान पर सूबे के साधु-संत बेहद नाराज नज़र आ रहे हैं । धर्माचार्यों ने अखिलेश पर आरोप मढ़ा कि मुख्तार-अतीक को गोद में बिठाने वाले मठाधीश- माफिया का अंतर और मठ-मंदिर की मर्यादा क्या जानेंगे। संतों ने कहना है कि अखिलेश यादव मानसिक संतुलन खो बैठे हैं ऐसे में ईश्वर उनको सद्बुद्धि प्रदान करें। मुल्ला मुलायम के बेटे अखिलेश मंद बुद्धि हैं उनका मठाधीश को माफिया से जोड़ना निकृष्टता का परिचायक है।
मठाधीश की तुलना सनातन धर्म में भगवान से की गई है
संत समाज ने अखिलेश यादव के बयान पर आक्रोश जताया है और कहा है कि अखिलेश यादव का बयान बेहद निंदनीय है। योगी आदित्यनाथ जिस गद्दी के पीठाधीश्वर हैं, वह बेहद पूज्यनीय स्थान है और भारत में सभी संत मठाधीश हैं, सबकी अपनी गद्दी होती है। मठाधीश की तुलना सनातन धर्म में भगवान से की गई है। मठाधीश को माफिया से जोड़ना कहीं ना कहीं संत समाज की छवि को धूमिल करना है ।
महंत दुर्गा दास..श्री पंचायती अखाड़ा उदासीन निर्वाण ने अपने बयान में कहा है कि ईश्वर अखिलेश को सद्बुद्धि दें । अखिलेश अगर कह रहे हैं कि मठाधीशों और माफिया में कोई अंतर नहीं है तो पहले वह अपने को देखें। उन्होंने क्या किया है? मठाधीश तो वो भी हैं, राज सत्ता तो वो भी चलाते थे । जिसके पिता ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थीं, जिनके मंत्री श्रीराम के बारे उल्टी सीधी बातें करें। उनकी मंशा मठों के प्रति क्या होगी ?
महंत योगेश पुरी महाराज, श्री मन:कामेश्वर मंदिर, आगरा का कहना है कि अखिलेश यादव मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।
जिसके पिता ने अपने शासन में अयोध्या में राम भक्तों के रक्त बहाए जो । जिन्होंने मुख्तार और अतीक अहमद जैसे माफिया को गोद में बिठाकर उनका संरक्षण किया, उन्हें कभी भी मठाधीश और माफिया में फर्क नहीं समझ में आएगा।
यमुना पुरी, सचिव श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि मठाधीश एयर माफिया का अंतर अखिलेश यादव के लिए समझाना बहुत मुश्किल kaam है क्योंकि माफिया को संरक्षण देना उनकी परंपरा में है । माफिया और मठाधीश में अंतर बस इतना है कि माफिया विध्वंस करता है और मठाधीश सर्वे भवन्तु सुखिनः का भाव रखता है । लेकिन अखिलेश यादव को लुटेरों और सज्जनों में अंतर नहीं पता है। यह तुलनात्मक दृष्टिकोण से तनिक भी ठीक नहीं है। माफिया असामाजिक कार्यों में शामिल होता है और मठाधीश संस्कृति संरक्षण के लिए सार्वभौमिक जनकल्याण में लगा रहता है। उसका प्रथम ध्येय सर्वे भवन्तु सुखिनः होता है। मठाधीश भारतीय संस्कृति का संवर्धन करते हैं। यूपी जैसे सांस्कृतिक राज्य का नेतृत्व कर चुके अखिलेश यादव का यह बयान अशोभनीय है।
हनुमानगढ़ी के महंत वरुण दास जी महराज, ने कहा है कि विश्व को शिक्षित और संस्कारवान बनाने का काम मठाधीश करते हैं । जिस प्रदेश में सर्वाधिक संतों का निवास हैं, वहां के पूर्व मुख्यमंत्री का यह दुर्भाग्यपूर्ण बयान है। उन्हें मठाधीश और माफिया का अंतर बिल्कुल भी नहीं पता है। माफिया अराजकता फैलाकर समाज को पीड़ा देते हैं, जबकि मठाधीश मठ-मंदिर के माध्यम से संस्कार-संस्कृति का झंडा विश्व में ऊँचा करने का कार्य करते हैं।
हनुमानगढ़ी के ही महंत डॉ. देवेशाचार्य जी महाराज ने आह्वान किया है कि अखिलेश यादव के विरुद्ध संत समाज अभियान चलाए। संतों को टारगेट कर के अखिलेश यादव का बयान राजनीति में नीचता की पराकाष्ठा है। राजनीति में दुष्चरित्र व्यक्तियों को परिवार मानने वाले से भला और क्या अपेक्षा की जा सकती है। यह सनातन धर्म और हिंदू धर्माचार्यों की तरफ़ उनकी नफरत को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश की जनता माफिया के इन दलालों को ठीक समय पर जवाब देगी। आवश्यकता पड़ने पर संत समाज अखिलेश यादव के विरुद्ध अभियान भी चलाएगा।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »