वाराणसी। रामनगर थाना क्षेत्र के लाल बहादुर शास्त्री घाट पर नवनिर्मित गुंबद का छज्जा गिरने से एक युवक और मवेशी की जान चली गई। इस हादसे से घाटों के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे। तो विपक्षी दलों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। वाराणसी में इन दिनों घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इसी क्रम में रामनगर लाल बहादुर शास्त्री घाट पर लोगों के बैठने के लिए लगभग 10.50 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य हो रहे हैं।
खबरों के मुताबिक, बीते मई माह में ही गंगा तट स्थित रामनगर लाल बहादुर शास्त्री घाट पर सौंदर्यीकरण के लिए साढ़े दस करोड़ रुपये से निर्माण कराया जा रहा था। वीडीए की देखरेख में चुनार के गुलाबी पत्थरों से घाटों को सजाया संवारा जा रहा है। घाट पर दोपहर में एक व्यक्ति व मवेशी गुंबद के नीचे बैठे हुए थे। तभी अचानक गुलाबी पत्थर से बना बारजा भरभरा कर गिर गया। जब तक आसपास के लोग मदद के लिए पहुंचते, उससे पहले ही मलबे में दबकर युवक व मवेशी की जान चली गई। इस हादसे ने भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी। सूचना पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और हादसे की जानकारी ली।
वहीं, लाल बहादुर शास्त्री घाट के नवनिर्मित गुंबद का छज्जा गिरने से व्यक्ति और मवेशी की मौत पर सियासत होने लगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सरकार को घेरते हुआ कहा कि मोदी जी की बनाई कोई चीज टिकती ही नहीं। चाहे वो देश में कहीं बने या इनके संसदीय क्षेत्र में। एक बात तो तय है जब तक ये टिके रहेंगे तब तक कुछ भी नहीं टिकने वाला।