वाराणसी। बीते दिनों महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रों व फूल व्यापारियों के बीच जमकर चले लाठी डंडे का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दरसल, दोनों ओर से मारपीट व पथराव की घटना के बाद पुलिस ने छात्रों पर मुकदमा दर्ज किया था। इसे लेकर छात्रों का गुस्सा सोमवार को सड़क पर दिखाई पड़ा। नाराज छात्रों ने सिगरा-कैंट मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। छात्रों ने उन पर दर्ज मुकदमों को हटाने की मांग की। प्रदर्शनरत छात्रों ने ‘फर्जी मुकदमा वापस करो’ जैसे नारे लगाए।
छात्रों का कहना था कि उन्हें फर्जी मुकदमे में फसाया जा रहा है। फूल मंडी के लोगों ने विद्यापीठ में आकर मारपीट की। उन पर मुकदमा करने के बजाय हम पर 7 सीएलए एक्ट लगाया गया। चक्काजाम की सूचना पर मौके पर पहुंचे डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया लेकिन गुस्साए छात्र मानने को तैयार नहीं थे। छात्र मुकदमा हटाने के लिखित आश्वासन पर अड़े रहे। फिलहाल डीसीपी के आश्वासन के बाद छात्रों ने चक्काजाम समाप्त कर दिया है।
धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि अगस्त को विद्यापीठ गेट नंबर तीन पर कुछ मनबढ़ों ने गार्ड को मारा था। छात्रों ने सिगरा पुलिस पर विश्वविद्यालय के बाहर अवैध रूप से वाहन स्टैंड और फूल की दुकान लगवाने का आरोप लगाया। पुलिस ने विश्वविद्यालय के आधा दर्जन से अधिक छात्रों पर 7 सीएलए जैसी धाराओं में मुकदमा कर दिया जबकि फूल मंडी के उन दुकानदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, चक्काजाम के दौरान सिगरा-कैंट मार्ग पर जाम लगने से कई यात्रियों की ट्रेन व बसें छूट गई।