वाराणसी। गणेश उत्सव पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। विश्वनाथ मंदिर के आंगन में सुबह-ए-बनारस एवं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सौजन्य से विशेष प्रस्तुति ‘आदि-अष्टकम’ का आयोजन किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत मॉस्को में भारतीय दूतावास की पूर्व सांस्कृतिक निदेशक डॉ उषा आर०के० के निर्देशन में बैंगलोर से पधारे कलाकारों यथा सुश्री कीर्थाना रवि, श्री मिथुन श्याम, सुश्री अरुंधती पटवर्धन, सुश्री सयानी चक्रवर्ती व सुश्री श्रेयसी गोपीनाथ द्वारा श्री आदि शंकराचार्य के अष्टकमों में से पांच प्रमुख अष्टकमों को भरतनाट्यम नृत्य के माध्यम से ‘आदि-अष्टकम’ की प्रस्तुति कर सभी को मंत्र-मुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे शहर दक्षिणी विधानसभा के विधायक नीलकंठ तिवारी, न्यास के सम्मानित सदस्य, धाम में पधारे श्रद्धालुओं के साथ-साथ मंदिर न्यास के अधिकारीगण, डी०सी०पी० सुरक्षा एवं अभिसूचना व कार्यरत कार्मिकों ने भाव विभोर हो भरपूर आनंद लिया।
भरतनाट्यम दक्षिण भारतीय सनातन कला की एक प्राचीन एवं सुन्दर नृत्य कला है। आदि अष्टकम पूज्य आदि शंकराचार्य भगवत्पाद के अष्टकमों पर आधारित एक अनूठी भरत नाट्यम प्रस्तुति है। बता दें कि ‘अष्टकम’ शब्द संस्कृत के ‘अ’ शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ ‘आठ’ होता है । काव्य रचनाओं के संदर्भ में, ‘अष्टकम’ आठ छंदों में लिखी गई कविता के एक विशेष रूप को दर्शाता है।
न्यास के सीईओ विश्वभूषण मिश्र ने कहा कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास निरंतर नवीन व्यवस्थाओं के तहत धाम में संस्कृति के उत्थान हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है। इसके अलावा भविष्य में भी निरंतर नवीन विचारों से उधृत हो कार्य करता रहेगा। अध्यात्मिक रूप से और लाभान्वित करने के साथ-साथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधाओं में निरंतर बेहतरीन व्यवस्थाएं बनाने हेतु न्यास सदैव कार्यरत रहेगा।