वाराणसी। प्रदेश के संस्कृत विद्यालय और महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा। शासन ने 23 साल बाद छात्रवृत्ति की योजना में बदलाव किया है। पात्रता और संशोधित संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है। 50 फीसदी अंक पाने वाले और 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले सभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसके साथ ही अभिभावकों की आय सीमा को शिथिल कर दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की ओर से जारी पत्र के अनुसार प्रथमा से आचार्य तक के संस्कृत के सभी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलेगा। वर्तमान सत्र में छात्रवृत्ति योजना का क्रियान्वयन ऑफलाइन होगा और अगले सत्र से पूरी व्यवस्था ऑनलाइन हो जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए छात्रों को न्यूनतम 50 प्रतिशत प्राप्तांक और 75 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी है। संशोधित छात्रवृत्ति दरों के अनुसार छात्रवृत्ति का भुगतान दो किश्तों में होगा। पहली किश्त दशहरा के पहले और दूसरी किश्त होली के पहले विद्यार्थियों के खाते में जाएगी। 75 फीसदी उपस्थिति का सत्यापन संबंधित विद्यालय, महाविद्यालय के प्राचार्य एवं जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। जिस साल की छात्रवृत्ति की प्रथम किश्त जाएगी उस वर्ष की कक्षा में माह अप्रैल से अगस्त की 15 तारीख तक की उपस्थिति की गणना करके सत्यापन किया जाएगा। इसी तरह दूसरी किश्त के लिए सितंबर माह से जनवरी माह की 15 तारीख तक की उपस्थिति की गणना करके सत्यापन किया जाएगा। छात्रवृत्ति की प्रक्रिया के लिए जल्द ही एक समय सारिणी और छात्रवृत्ति नियमावली भी जारी होगी।
अलग से बनेगा छात्रवृत्ति का विंडो, मिलेगा 50 लाख का बजट
समाज कल्याण विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित छात्रवृत्ति योजना की पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया को संस्कृत छात्रवृत्ति योजना में लागू करने के लिए विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर नया विंडो बनाया जाएगा। इसमें संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के लिए एनआईसी के सहयोग से संस्कृत छात्रों का डाटा शामिल किया जाएगा। पोर्टल के कार्य के लिए एनआईसी को 50 लाख का अतिरिक्त बजट जारी किया जाएगा।