N/A
Total Visitor
30.2 C
Delhi
Saturday, June 28, 2025

कोर्ट की दहलीज पर पहुंचा काशी के राजपरिवार की लड़ाई!

वाराणसी। एक दौर था जब रामनगर के किला में राजा का दरबार लगता था, जहां वे आमजन की फरियादों को सुना करते थे। लोगों की फरियाद सुनकर राजा फैसला किया करते थे। आज उसी राजपरिवार की लड़ाई कोर्ट की दहलीज तक जा पहुंची। वाराणसी के काशी राज परिवार यानि पूर्व काशी नरेश राजा विभूति नारायण के बेटे और बेटियों का विवाद गुरुवार को हाईकोर्ट में गूंजा। महल के अलग-अलग हिस्सों में कब्जेदारी जमाए राजकुमारियों ने हर संपत्ति में अधिकार के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। काशीराज परिवार की राजकुमारी विष्णुप्रिया ने कुंवर अनंत नारायण पर मनमाने तरीके से संपत्तियों की ब्रिकी और हस्तांतरण का आरोप लगाया। उनके वकील ने कोर्ट में राजकुमार का हिस्सा नहीं देकर सभी संपत्तियों पर कुंवर की कब्जेदारी की बात भी कही।

राजकुमारी विष्णुप्रिया की याचिका पर हाईकोर्ट के जज विपिन चंद्र दीक्षित ने कुंवर अनंत नारायण से अगले 10 दिन में काउंटर दाखिल करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही वहीं विष्णु को 10 सितंबर तक रिमांडर दाखिल करने का समय दिया। मामले की सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख सुनिश्चित की। विष्णुप्रिया के वकील अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जज ने स्पष्ट किया कि काउंट और रिमांडर अवधि में काशी राज परिवार की कृष्णप्रिया, कुंवर अनंत नारायण की सभी संपत्तियां स्थगित रहेगी और कोई भी इसकी खरीद या बिक्री नहीं कर सकेगा। कोर्ट ने सुनवाई तक सभी संपत्तियों पर अंतरिम स्टे दिया है।

कुंवर अनंत नारायण सिंह ने बताया कि बहनें रामनगर किले में ही रह रही हैं। पिता डॉ. विभूति नारायण सिंह ने तीनों बहनों की शादी के साथ ही उन्हें अचल संपत्तियां दी थीं। काशी नरेश की मृत्यु के बाद बहनों ने 2005 से संपत्ति विवाद को लेकर मुकदमेबाजी शुरू की। पिछले दिनों 05 मार्च 2024 को विष्णुप्रिया ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें हरि प्रिया, कृष्ण प्रिया और भाई अनंत नारायण को प्रतिवादी बनाते हुए संपत्तियों की बिक्री का आरोप लगाया था। इसमें सुनवाई जारी है और कोर्ट 13 सितंबर को सुनवाई करेगा।

बता दें कि पूर्व काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह के तीन बेटियां विष्णु प्रिया, हरि प्रिया, कृष्ण प्रिया और एक बेटे अनंत नारायण के बीच पिछले कई सालों से किले के अंदर और बाहर की संपत्ति को लेकर विवाद है। यह सभी अभी किला परिसर में ही रहते हैं। बहनें अपने भाई और उनके कर्मचारियों पर तानाशाही का आरोप लगाती रही हैं। तो 25 जून 2023 में कुंवर अनंत नारायण सिंह ने अपनी बहनों पर ताला तोड़कर चोरी करने का आरोप लगाया था। इसमें राजकुमारी विष्णु प्रिया, कृष्ण प्रिया और उनके दोनों बेटे वरद नारायण सिंह, वल्लभ नारायण सिंह को नामजद किया गया था। पूरे मामले में कृष्ण प्रिया ने पुलिस से कहा कि किले के कुछ कर्मचारी हम भाई-बहनों में झगड़ा कराने की साजिश रच रहे हैं।

रामनगर किले के सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने शिकायत में लिखा था कि 25 जून को सुबह 9 से 10 बजे के बीच किले की सुरक्षा व्यवस्था देख रहा था। तभी कर्मचारी कौशलेंद्र शर्मा ने बताया कि ड्योढ़ी कोट की तरफ कुंवर अनंत नारायण सिंह के एक कमरे का ताला तोड़कर जरूरी सामान चोरी कर लिया गया था। कमरे से महत्वपूर्ण कागजात, फर्नीचर व बेड समेत कीमती सामान चोरी हो गया है। मैं मौके पर पहुंचा, तो वहां ताला टूटा था। विष्णु प्रिया और कृष्ण प्रिया के निर्देश पर वरद नारायण सिंह, वल्लभ नारायण सिंह और उनके एक कर्मचारी ने ये सामान चोरी किया है। थाने में चोरी, तोड़फोड़ करने और साजिश रचने में धारा 380, 454 व 120बी के तहत केस दर्ज किया गया था।

2018 में कुंवर अनंत नारायण सिंह की ओर से काशी स्टेट के राजकीय चिह्न (मुहर) के दुरुपयोग को लेकर बहन हरि प्रिया के खिलाफ रामनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। हरि प्रिया ने अपने बेटे की शादी के कार्ड में काशी स्टेट का राजकीय चिह्न छपवाया था। इसको लेकर कुंवर अनंत नारायण ने तब कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें बताया था कि काशी स्टेट के राजकीय चिह्न का गद्दीनशीन ही इस्तेमाल कर सकता है। राजकीय चिह्न को ट्रेडमार्क के तौर पर उत्तराधिकारी होने के नाते रजिस्ट्रेशन करा रखा है। हमारी अनुमति के बगैर इसका उपयोग कोई नहीं कर सकता। तब उनकी कार्रवाई के बाद दूसरी बहन कृष्ण प्रिया ने भाई पर गंभीर आरोप लगाए थे। उस दौरान कुंवर अनंत सिंह ने यह दावा भी किया था कि पिता विभूति नारायण सिंह ने 2000 में उनके नाम वसीयतनामा लिखा था। विवाद के बाद 2011 में उन्होंने बहनों से रिश्ते खत्म कर लिए थे।

इसके अलावा 2021 में कोदोपुर में एक जमीन की रजिस्ट्री कर दिए जाने को लेकर भी विवाद हुआ था। तब काशीराज परिवार की बेटियों मौके पर काम रुकवाने के लिए गुहार लगाती रहीं। इसका वीडियो भी वायरल हुआ। उनकी तरफ से एक पंपलेट भी छपवाया गया था, जिसमें दुर्ग से जुड़ी किसी भी संपत्ति को न खरीदने की अपील की गई थी। काशी राज परिवार की बेटी विष्णु प्रिया की शादी के कुछ साल बाद 1971 में तलाक हो गया था। तब से वह किले में ही रह रही थी। वह कई बार आरोप लगा चुकी हैं कि पिता की मौत के बाद उनको किले से बाहर जाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »