मध्यप्रदेश से एक शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां गौ वंश के साथ क्रूरता की हद पार करते लोग दिखे हैं। करीब 50 गायों को उफनती नदी में बहा दिया गया। एक ओर गायें पानी की हर लहर के साथ जूझ रही थीं, तो दूसरी ओर उन्हें धक्का देने वाले लोग अंधे हो चुके थे। इसका जो वीडियो वायरल हो रहा है उसे देखकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस घटना से पशुओं की पीड़ा और इंसानियत पर सवाल खड़े हुए हैं। यह घटना राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी के गृह विधानसभा क्षेत्र में हुई, जिससे इसकी गंभीरता और बढ़ जाती है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले में संज्ञान लेते हुए सख्त एक्शन लिया और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
खबरों के मुताबिक, घटना सतना जिले के नागौद थाना क्षेत्र का है। रैगांव पुल के पास, स्थानीय लोगों ने पहले चारों ओर से घेरकर इन गौवंशों को नदी में धकेला। तेज बहाव और गहराई में संघर्ष करती इन गायों की आंखों में डर साफ दिखाई दे रहा था। उन्होंने नदी के प्रवाह के विपरीत तैरने की भरपूर कोशिश की, लेकिन अंततः थकावट और पानी की ताकत के आगे हार गईं। कुछ गायें तो स्टॉप डैम से गिरते वक्त इस हालत में थीं कि उनके पैर हवा में झूल रहे थे। उस समय नदी के दूसरे किनारे पर खड़े युवक, इन मासूम जानवरों को मार-मारकर और पानी में जाने के लिए मजबूर कर रहे थे।
वहीं, घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा, इस घटना में करीब 15 से 20 गायों की मौत हुई है। वीडियो का संज्ञान लेते हुए जानकारी जुटाने के लिए पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। नागौद थाना प्रभारी अशोक पांडे ने कहा कि घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की पहचान कर ली गई है। इनके खिलाफ मप्र गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम (गायों की हत्या रोकने वाला कानून) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संंबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। नदी में फेंकी गई गायों की सही संख्या और उनकी मौत की संख्या जांच के बाद पता चलेगी। पांडेय ने बताया कि आगे की जांच की जा रही है। आरोपित बेटा बागरी, रवि बागरी, रामपाल चौधरी और राजलू चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। घटना में संलिप्त अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।