स्कन्द पुराण में उल्लिखित यह यादाद्री मंदिर तेलंगाना के भुवनगिरी में अवस्थित है, जो भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार को समर्पित है ।काले ग्रेनाइट पत्थर से बना यह विश्व का सर्वाधिक विशालकाय मंदिर है, जिसका पूरा प्रांगण लगभग 1900 एकड़ भूमि पर स्थित है।मंदिर के निर्माण हेतु सीमेंट के स्थान पर चूने का प्रयोग किया गया है एवं मंदिर के गर्भगृह के शिखर में 125 किलो सोना लगा हुआ है।मंदिर के भीतर 12 फीट ऊंची एवं 30 फीट लंबी गुफा है, जहां नरसिंह भगवान की तीन प्रतिमाएं विराजित हैं, जो ज्वाला नरसिंह, गंधभिरंदा नरसिंह एवं योगानंद नरसिंह की हैं. साथ ही माता लक्ष्मी जी की प्रतिमा भी विराजी हुई हैं।