15 अगस्त पर बाबा श्री काशी विश्वनाथ और काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव का तिरंगा श्रृंगार किया गया। ज्योतिर्लिंग पर फूल और बेल पत्र से बने तिरंगे को लपेटकर बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती की गई। इस दौरान गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग के चारों ओर तिरंगा झंडा भी रखा गया था। मंदिर के अंदर भारत माता की प्रतिमा की भव्य सजावट की गई है। मंदिर में ध्वजारोहण के बाद न्यास द्वारा महारुद्राभिषेक अनुष्ठान संपन्न हुआ।
बाबा विश्वनाथ के विशेष श्रृंगार में उनका अति प्रिय बेल पत्र, सफेद बेला की माला और गेंदा के फूलों से तिरंगा श्रृंगार किया गया। शिवलिंग के शीर्ष पर घास के कुश लगाए गए। इसके बाद विधि विधान से बाबा विश्वनाथ की आरती हुई। ये विहंगम दृश्य था। मंगला आरती के बाद बाहर खड़े भक्तों ने बाबा का जब ये रूप देखा तो मोहित हो उठे। बाबा विश्वनाथ का ये श्रृंगार लोगों को अपनी ओर खींचता रहा।
मंदिर CEO विश्व भूषण मिश्र ने बताया, भारत की संप्रभुता, अखंडता, एकता और शांति के लिए विशेष महा रुद्राभिषेक का आयोजन भी किया जा रहा है। इसके अलावा, आज पूरे श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर की विशेष साज- सजावट की जा रही है। धाम के मुख्य प्रवेश द्वार यानी गेट नं 4 को और कॉरिडोर में स्थापित भारत माता की प्रतिमा को पुष्प और तिरंगा से सजाया गया है।
ध्वजरोहण कार्यक्रम श्री काशी विश्वनाथ धाम स्थित “नीलकंठ भवन” (प्रशासनिक भवन) पर हुआ। सभी में मिठाइयां और प्रसाद बाटी गई। साथ ही देश की उन्नति, प्रगति, समृद्धि, सांस्कृतिक विरासत, मूल्यों और आदर्शों के विकास के लिए काम करने का संकल्प लिया गया।