हमने देखा है एक चलन सी होती जा रही है ग़ुब्बारे नहीं तो उत्सव फीका । स्वतंत्रता दिवस पर आजकल तिरंगा झंडा भी ग़ुब्बारे की सजावट से बनाने शुरू हो गए हैं ।
लेकिन पर्यावरण में बढ़ते असंतुलन को देखते हुए समाज को किसी भी उत्सव के दौरान गुब्बारों से सजावट करने से सख्ती से बचना चाहिए। क्या आपको पता है गुब्बारे पर्यावरण को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचाते हैं । जन्मदिन और त्यौहारों पर सजावट करने के बाद लोग बिना सोचे-समझे उन्हें कूड़े में फेंक देते हैं । बाद में खुले में जाने पर ये आंतरिक नालियों में रुकावट पैदा करते हैं । सड़क पर चरते आवरा पशु भी कुछ इन्हें चबा जाते है जो उनके लिए जानलेवा बन जाते हैं । ये ग़ुब्बारे उनके लिए अपच की समस्या का सबसे बड़ा कारण बनती हैं । जब फटे हुए गुब्बारे सड़क के किनारे फेंके जाते हैं तो ये ज़मीन के लिए नुक़सानदेह होते हैं ।
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ऑक्सीज़ से भरे हवा में उड़ते चमकदार धातु कोटेड चमकीले गुब्बारे सबसे ज़्यादा नुक़सानदेह होते हैं और बिजली कटौती का मुख्य कारण बनते हैं । क्योंकि ये हवा में उड़ते हुए ऊपर की ओर तैरते हैं और बिजली की तारों के संपर्क में आते हैं। इन ग़ुब्बारों में लगे धागे की वजह से पक्षियों के पंख क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और कभी-कभी इंसान भी इन धागों में फंस जाते हैं जिसकी वजह से किसी भी तरह की दुर्घटनाएं होने की संभावना रहती है।