मध्य प्रदेश में सियासत का संग्राम, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गढ़ में गराजेगे पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह: कांग्रेस ने पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल को भी बनाया बुधनी विधानसभा क्षेत्र में प्रभारी, अब उपचुनाव में संभालेंगे मोर्चा
मध्य प्रदेश की सियासत में बड़ा चेहरा पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में भारत सरकार के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा लोकसभा सीट से 8 लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज अपने राजनीतिक विरोधियों को मात दी है। अब ऐसे में उनके विधानसभा से इस्तीफे के बाद बुधनी में उपचुनाव की घोषणा होगी । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गढ़ बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच कांग्रेस ने बुधनी विधानसभा में योग्य और जीताऊ उम्मीदवार की तलाश के लिए विधायक जयवर्धन सिंह और पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल को प्रभारी बनाया है। अब यह दोनों नेता बुधनी विधानसभा में भ्रमण कर लोगों से चर्चा करेंगे और नामों की पैनल से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को अवगत कराएंगे।
बता दें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बुधनी विधानसभा सीट से विधायक शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने विदिशा लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था । शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा संसदीय सीट से रिकॉर्ड 8 लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की है ।
खाली होने वाली है सीट
इसके बाद शिवराज सिंह चौहान को मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में भी शामिल किया गया है । शिवराज सिंह चौहान को कृषि मंत्री बनाया गया है. शिवराज सिंह चौहान के केन्द्र चले जाने के बाद अब उन्हें विधायक से इस्तीफा देना होगा और बुधनी में उपचुनाव होंगे।
कांग्रेस ने घोषित किए प्रभारी
कांग्रेस ने बुधनी उपचुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए विधायक जयवर्धन सिंह और पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल को प्रभारी बनाया गया है। दोनों प्रभारी जल्द ही क्षेत्र का दौरा कर कार्यकर्ताओं का मूड जानेंगे।
6 बार विधायक बने चुके शिवराज
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा सीट से 6 बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। सबसे पहली बार शिवराज सिंह चौहान वर्ष 1990 में बुधनी विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। सीएम बनने के बाद उपचुनाव में और बाद में लगातार चार बार चुनाव जीते। खास बात यह है कि शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा में प्रचार के लिए भी नहीं जाते हैं और रिकार्ड मतों से जीत दर्ज करते हैं ।