चुनाव के बाद आए नतीजों में एनडीए गठबंधन की जीत के बाद बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली। भारत में सात चरणों के तहत लाखों पोलिंग बूथ बनाए गए और एक महीने से ज्यादा समय में पूरी हुई वोटिंग के बाद आए नतीजों मे सभी राजनीतिक दलों की रजामंदी रही। किसी भी तरह का कोई विरोध नहीं दिखा। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लोगों और नेताओं के लिए यह सबसे ज्यादा हैरानी की बात रही। इसका जिक्र पाकिस्तान के एक नेता ने वहां की संसद तक में कर डाला और सवाल उठाया कि पाकिस्तान में भारत की तरह चुनावी प्रक्रिया क्यों नहीं हो सकती है।
दरअसल, पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के दौरान धांधली की काफी खबरें आई थीं, जिसके चलते आज भी पाकिस्तान में विपक्षी दल सत्ता पक्ष पर बेइमानी का आरोप लगाते हैं। इस बीच वहां के विपक्षी दलों के एक सांस शिबली फराज ने भारतीय चुनावी प्रक्रिया की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत में चुनाव प्रक्रिया को लेकर कोई सवाल नहीं खड़ा हुआ।
बजटदुश्मन भी कहा और तारीफ भी की
दिलचस्प यह रहा है कि पाकिस्तान के विपक्षी सांसद ने अपने बयान की शुरुआत में भारत को लेकर पहला शब्द दुश्मन कहा, लेकिन फिर भी भारतीय चुनावी प्रक्रिया को सराहा। उन्होंने कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं, जहां लाखों ईवीएम, देश के कोने-कोने के बूथों पर गई। महीने भर तक चुनाव प्रक्रिया चली।
पाकिस्तानी सांसद ने भारतीय चुनाव आयोग को लेकर कहा कि भारत में एक व्यक्ति के लिए भी चुनाव आयोग ने दुर्गम इलाके में पोलिंग बूथ बनाया। शिबली फराज ने संसद में संबोधन के दौरान कहा कि भारत में चुनावी प्रक्रिया के बाद नतीजे आए लेकिन उसको लेकर भी किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया, और सहजता से दुश्मन मुल्क में नई सरकार बन गई ।
भारत में एक व्यक्ति के लिए भी चुनाव आयोग ने दुर्गम इलाके में पोलिंग बूथ बनाया। शिबली फराज ने संसद में संबोधन के दौरान कहा कि भारत में चुनावी प्रक्रिया के बाद नतीजे आए लेकिन उसको लेकर भी किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया, और सहजता से दुश्मन मुल्क में नई सरकार बन गई।
पाकिस्तानी सांसद ने चुनाव आयोग को लेकर कहा कि भारत में एक व्यक्ति के लिए भी चुनाव आयोग ने दुर्गम इलाके में पोलिंग बूथ बनाया। शिबली फराज ने संसद में संबोधन के दौरान कहा कि भारत में चुनावी प्रक्रिया के बाद नतीजे आए लेकिन उसको लेकर भी किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया, और सहजता से दुश्मन मुल्क में नई सरकार बन गई।
उन्होंने कहा कि नतीजों से ये साफ़ हो गया था कि जानता सरकार किसको
बनाना चाह रही थी क्योंकि पूर्व पीएम इमरान खान की लहर पूरे पाकिस्तान में थी, लेकिन इमरान खान को सेना पसंद नहीं करती थी। पाकिस्तानी सेना इमरान के बजाए नवाज शरीफ के गुट को सत्ता में लाने के पक्ष में थी।
पाकिस्तान में क्यों नहीं ये प्रक्रिया
भारत में हुए चुनाव को लेकर शिबली फराज ने पाकिस्तानी हुक्मरानों के सामने सवाल उठाया कि आखिर ऐसी ही चुनावी प्रक्रिया पाकिस्तान में क्यों नहीं सकती है। गौरतलब है कि इसी साल पाकिस्तान में भी 8 फरवरी को चुनाव हुए थे, लेकिन हमेशा की तरह एक बार फिर ये विवादों में रहे थे।
सेना ना की मर्जी के मुताबिक इमरान जेल में ही रहे और सत्ता में शरीफ परिवार आ गया। आरोप लगे कि इमरान के समर्थक निर्दलीय उम्मीदवारों को जबरन हरा दिया गया जिसके जरिए शहबाज शरीफ के सत्ता में आने का रास्ता साफ हुआ